हस्तरेखा-शास्त्र : बायां हाथ देखे या दाहिना, आप भी जानें

हस्तरेखा-शास्त्र : बायां हाथ देखे या दाहिना, आप भी जानें
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हस्तरेखा विज्ञान में जब आप हस्तरेखा देखने के बात करते हैं तो आप सबसे पहले यह देखते हैं कि व्यक्ति का एक्टिव हाथ ( Active hand) और पेसिव हाथ (Passive hand) कौनसा है। कई बार लोगों के दिमाग में यह बात बैठी हुई रहती है कि लड़कियों का बांया हाथ (Left hand) देखते हैं, तो यह बात अब से लगभग दो सदी पुरानी थी। जब लड़कियां अपने पिता (Father), भाई (brother) अथवा पति (husband)पर निर्भर हुआ करती थीं। आज के समय में तो लड़किया लड़कों से भी आगे निकल रही हैं। तो इसलिए उसका कोई पूरी तरह बेस (Base) नहीं बनता है।

हस्तरेखा विज्ञान में जब आप हस्तरेखा देखने के बात करते हैं तो आप सबसे पहले यह देखते हैं कि व्यक्ति का एक्टिव हाथ ( Active hand) और पेसिव हाथ (Passive hand) कौनसा है। कई बार लोगों के दिमाग में यह बात बैठी हुई रहती है कि लड़कियों का बांया हाथ (Left hand) देखते हैं, तो यह बात अब से लगभग दो सदी पुरानी थी। जब लड़कियां अपने पिता (Father), भाई (brother) अथवा पति (husband)पर निर्भर हुआ करती थीं। आज के समय में तो लड़किया लड़कों से भी आगे निकल रही हैं। तो इसलिए उसका कोई पूरी तरह बेस (Base) नहीं बनता है। इसलिए आप जब भी किसी के हाथ का विश्लेषण (Analysis) करोगे तो आप सबसे पहले पूछोगे कि आपका लिखने के लिए आपका एक्टिव हाथ ( Active hand) कौन सा है। आप लिखने के लिए, ड्राईविंग करते वक्त, जिम आदि में आपको वजन भी उठाना है तो कौन से हाथ को आप नेचुरल (Natural) तरीके से यूज करते हो, एकदम से अगर आपको बहुत भारी बाल्टी उठानी हो तो आप किस हाथ से उठाते हो। जिस हाथ से आप कार्य करते हैं वह हाथ आपका एक्टिव हाथ ( Active hand) कहलाएगा। और दूसरा हाथ आपका पेसिव हाथ (Passive hand) कहलाएगा।

आपका एक्टिव हाथ ( Active hand) आपका वर्तमान (Present) और भविष्य ( Future) बताएगा। और आपका दूसरा हाथ जो आप जन्म से गुण लेकर आए थे उन्हें बताएगा। कई बार आप अपने कर्मों से अपने एक्टिव हाथ (Active hand) की रेखाओं को कमजोर कर लेते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको अपना पेसिव हाथ (Passive hand) देखना होता है और यह जानना होता है कि आप जन्म से तो अच्छे गुण लेकर आए थे लेकिन आपने अपने कर्मों से, अपनी गलत आदतों से अपने एक्टिव हाथ (Active hand) की रेखाओं को कमजोर कर लिया है। और इस तरह आप अपनी गलत आदतों से और अपने कर्मों से अपना नुकसान भी कर लेते हैं। दूसरी ओर काफी लोग ज्योतिष ( Astrology) में रूचि रखते हैं। अगर ज्योतिष ( Astrology) के हिसाब से बात की जाए तो आपका जो एक्टिव हाथ (Active hand) है, वह आपकी लग्न कुंडली की तरह देखा जाना चाहिए। क्योंकि आपके जो एक्चुअल चेंजिस हो रहे हैं वह आपके एक्टिव हाथ (Active hand) में हो रहे हैं। और आपको जो पेसिव हाथ (Passive hand) है, वह आपकी चंद्र कुंडली की तरह देखा जाएगा क्योंकि यह आपके जन्म से लाए गुणों के साथ-साथ आपकी (State of mind) आपकी अवचेतन (Subconcious) को भी बताता है। और चंद्र कुंडली हमारी (Subconvention) हमारी (Imagination), हमारे विचारों को भी बताता है। तो इसलिए पेसिव हाथ (Passive hand) हमारी चंद्र कुंडली की तरह भी देखा जा सकता है। और आपका जो एक्टिव हाथ (Active hand) है वह आपकी लग्न कुंडली की तरह भी देखा जा सकता है।

कई बार ऐसी स्थिति भी आती है कि आपके पास हस्तरेखा दिखाने के लिए आने वाले लोग कहते हैं कि मैं तो अपने दोनों हाथों का बराबर इस्तेमाल करता हूं। मैं कभी अपना दाहिना हाथ (Right hand) और कभी बांया हाथ (Left hand) लिखने के लिए यूज करता हूं। और कभी मैं अपने दाहिने हाथ (Right hand) से ड्राइव कर लेता हूं और कभी बांये हाथ (Left hand) से ड्राइव कर लेता हूं। और कभी अपने दाहिने हाथ (Right hand) से वजन उठा लेता हूं तथा कभी बांये हाथ (Left hand) से भी वजन उठा लेता हूं। मतलब मैं दोनों ही हाथों को बराबर यूज करता हूं। तो ऐसी स्थिति के लिए टर्म होती है जिसे साइंस में Ambidextrous। ऐसे लोगों की हस्तरेखा देखने से पहले आपको उन लोगों से कई प्रकार के प्रश्न पूछने होते हैं। क्योंकि हस्तरेखा विज्ञान का जो Concept है वह बहुत सामान्य है। हमारी जो जीवन रेखा होती है, हमारी जीवन रेखा हमारे स्वास्थ्य के बारे में बताती है, हमारी जीवन शैली के बारे में बताती है। और जीवन रेखा (Lifeline) हमारी फिजिकल एनर्जी (Physical energy) के बारे में बताती है। हमारी जो दूसरी रेखा होती है यानि मस्तिक रेखा (Mastik Rekha) हमारे इंटेलीजेंस, हमारे विचार कैसे हैं, हम किस तरह सोचते हैं आदि के बारे में बताती है। और हृदय रेखा आपके दिल, आपकी इमोशंश, जो आप फील करते हैं, उनको हम आपकी हृदय रेखा से देखते हैं। तो जो इंसान दोनों हाथों को बराबर यूज करता है। उसकी हाथ की रेखाओं को उस हाथ में देखेंगे जिस हाथ से वह ज्यादा वजन उठाता है। या अधिक एनर्जी वाले काम के लिए जिस हाथ का यूज करता है। तो इसलिए ऐसे व्यक्ति के स्वास्थ्य के संबंध में उसके उसी हाथ की रेखाओं को देखेंगे, जिस हाथ का वह ज्यादा वजन उठाने के लिए इस्तेमाल करता है। परन्तु ऐसा व्यक्ति जिस हाथ को लिखने के लिए ज्यादा इस्तेमाल करता है तो उस हाथ की रेखाओं को मस्तिक संबंधी ज्ञान जानने के लिए देखेंगे। और आपको इस तरह से दोनों हाथों को बराबर देखा होगा, और दोनों ही हाथों की रेखाओं का विश्लेषण करना पड़ेगा। परन्तु ऐसे मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं।

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