शास्त्रों के अनुसार करोगे स्नान तो नहीं रहेगी घर में दरिद्रता

शास्त्रों के अनुसार करोगे स्नान तो नहीं रहेगी घर में दरिद्रता
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स्नान करने से स्वास्थ्य लाभ और पवित्रता मिलती है। सभी प्रकार के पूजन, धर्म, कर्म आदि स्नान करने के बाद ही किए जाते हैं, इस कारण भारतीय संस्कृति में स्नान का बहुत महत्व है। पुराने समय में सभी ऋषि-मुनि नदियों में स्नान करते समय सूर्य को जल अर्पित करते थे और मंत्रों का जप करते थे। इस प्रकार के उपायों से अक्षय पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जो अलग-अलग समय पर किए जाते हैं। स्नान करते समय ज्योतिष में एक उपाय बताया गया है। इस उपाय को सही विधि से प्रतिदिन किया जाए तो निकट भविष्य में सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं। जानिए उपाय की विधि…

1. प्रतिदिन स्नान के दौरान सबसे पहले एक बाल्टी में पानी लें और इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली से पानी पर त्रिभुज का चिह्न बनाएं।

2. त्रिभुज बनाने के बाद एक अक्षर का बीज मंत्र 'ह्रीं' उसी चिह्न के बीच वाले स्थान पर लिखें। साथ ही, अपने इष्ट देवी-देवता से परेशानियों दूर करने की प्रार्थना करें।

स्नान के दौरान करें मंत्र जप

हिन्दु धर्मशास्त्रों में सभी कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। इसीलिए स्नान आदि के दौरान भी हमें मंत्र जप करना चाहिए। स्नान करते समय किसी मंत्र का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

ये है स्नान मंत्र

स्नान के दौरान इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है…

मंत्र: गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

नदी में स्नान के दौरान जल पर ऊँ लिखें

यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे उस नदी के जल पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए। ऐसा करने से नदी में स्नान का पूर्ण पुण्य मिलता है। इसके अलावा आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है। इस उपाय से ग्रह दोष भी शांत होते हैं। यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह भी उतर जाती है।

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