Vidur Niti : इस गुण वाले पुरुष ढूंढने से भी नहीं मिलते, जानिए...

Vidur Niti : इस गुण वाले पुरुष ढूंढने से भी नहीं मिलते, जानिए...
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Vidur Niti : विदुर जी ने अपनी नीति में उत्तम पुरुष के कई लक्षण बताए थे। और उन्होंने कहा था कि ऐसे गुणों वाले पुरुष ना केवल मृत्यु लोग में पूजे जाते हैं, बल्कि मृत्यु के पश्चात इन्हें स्वर्ग में भी पूजनीय स्थान मिलता है।

Vidur Niti : विदुर जी ने अपनी नीति में उत्तम पुरुष के कई लक्षण बताए थे। और उन्होंने कहा था कि ऐसे गुणों वाले पुरुष ना केवल मृत्यु लोग में पूजे जाते हैं, बल्कि मृत्यु के पश्चात इन्हें स्वर्ग में भी पूजनीय स्थान मिलता है। विदुर जी ने अपनी नीति में ऐसे पुरुषों के कई लक्षणों का वर्णन किया है। तो आइए जानते हैं ऐसे पुरुषों के लक्षणों के बारे में।

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परोपकार रहित मानव के जीवन को धिक्कार है। परंतु उत्तम पुरुष तो उस मरे हुए पशु की तरह होता है जिसकी मृत्यु के पश्चात उसका चमड़ा भी काम आता है। उत्तम पुरुष जीवित होते हुए तो सभी का कल्याण करते हैं। परंतु मृत्यु के बाद भी दूसरों के काम आते हैं। उनके विचार, उनके द्वारा किए गए कार्य सभी को प्ररेणा देते हैं।

विदुर जी लोगों के बारे में भलीभंति जानते थे। वे जानते थे कि कौनसा प्राणी नर्क में जाएगा और कौनसा स्वर्ग में। और कौनसा प्राणी अपने पुण्य कर्मों से परम पद को प्राप्त करेंगा।

विदुर जी के अनुसार भले ही उत्तम पुरुष मृत्यु लोक में दुख झेलता है, अथवा उसके जीवन में परेशानियां भी आती हैं, लेकिन वह तटस्थ भाव से अपना धर्म निभाता है। चाहे कितना भी दुख क्यों ना आए। कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों ना आएं। वह अपने धर्म पथ से विमुख नहीं होता। उसमें हर परिस्थिति को सहने की अकल्पनीय शक्ति होती है। इसलिए उसे साधारण मानव नहीं कहा जाता।

इन पुरुषों की चर्चा तीनों लोकों में की जाती है। इतना ही नहीं स्वयं धरती मां भी इन पुरुषों को अपने ऊपर धारण करके धन्य हो जाती है। ऐसे पुरुषों में अकल्पनीय गुण होते हैं। जोकि किसी साधारण तुच्छ मनुष्य में नहीं पाए जाते। इनकी मृत्यु के पश्चात भी इनकी कई पीढ़ियां इनके द्वारा किए गए पुण्य का लाभ उठाती हैं। ऐसे पुरुष को पति के रुप में पाकर स्त्री स्वर्ग के समान सुख भोगती है। और अपने जीवन को धन्य कर लेती है। ऐसे पुरुषों की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है। महात्मा विदुर ने ऐसे पुरुषों को उत्तम से भी उत्तम माना है। ऐसे गुण किसी पुरुष में कई जन्मों के पुण्य करने के बाद ही आते हैं। इन पर ईश्वरीय कृपा सदैव बनी रहती है। स्वयं देवता भी इनके स्वागत के लिए पलकें बिछाएं बैठे रहते हैं।

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