Ahoi Ashtami 2020 : जानिए अहोई अष्टमी पर राधा कुंड में क्यों किया जाता है स्नान,क्या है इसकी पौराणिक मान्यता

Ahoi Ashtami 2020 : जानिए अहोई अष्टमी पर राधा कुंड में क्यों किया जाता है स्नान,क्या है इसकी पौराणिक मान्यता
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Ahoi Ashtami 2020 : अहोई अष्टमी का व्रत (Ahoi Ashtami Vrat) महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और संतान सुख के लिए करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा कुंड भी है। जिसमें यदि पति और पत्नि दोनों अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) के दिन स्नान कर लें तो उनके घर बच्चे की किलकारियां जल्द ही गूंजने लगती है तो चलिए जानते हैं इस कुंड की पौराणिक मान्यता।

Ahoi Ashtami 2020 : अहोई अष्टमी का त्योहार 8 नवंबर 2020 (Ahoi Ashtami Festival 8 November 2020) को मनाया जाएगा। यह व्रत महिलाएं संतान सुख और संतान की दीर्घायु के लिए करती हैं। लेकिन कई दंपत्तियों को शादी के कई साल बाद संतान की प्राप्ति नहीं होती। इसी कारण से वह अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान ( Radha Kund Mein Snan) करते हैं और राधा जी से संतान सुख की कामना करते हुए प्रार्थना करते हैं।

राधा कुंड में स्नान की पौराणिक मान्यता (Radha Kund Snan Ki Pauranik Manyata)

भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में गोवर्धन गिरधारी की परिक्रमा के मार्ग में एक चमत्कारी कुंड पड़ता है। जिसे राधा कुंड के नाम से जाना जाता है। इस कुंड के बारे में मान्यता है कि नि:संतान दंपत्ति कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्य रात्रि को यहां दंपत्ति एक साथ स्नान करते हैं तो उन्हें संतान की प्राप्ति हो जाती है। इसी कारण से इस कुंड में अहोई अष्टमी पर स्नान करने के लिए दूर- दूर से लोग आते हैं।

अहोई अष्टमी का यह पर्व यहां पर प्राचीन काल से मनाया जाता है।इस दिन पति और पत्नि दोनों ही निर्जला व्रत रखते हैं और मध्य रात्रि में राधा कुंड में डूबकी लगाते हैं। तो ऐसा करने पर उस दंपत्ति के घर में बच्चे की किलकारियां जल्द ही गूंज उठती है।इतना ही नहीं जिन दंपत्तियों की संतान की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। वह भी अहोई अष्टमी के दिन अपनी संतान के साथ यहां राधा रानी की शरण में यहां हाजरी लगाने आता है और इस कुंड में स्नान करते हैं

माना जाता है कि यह प्रथा द्वापर युग से चली आ रही है। यहां पर लोग द्वापर युग से संतान प्राप्ति के लिए स्नान करने के लिए आते हैं और जब उनकी यह इच्छा पूर्ण हो जाती है तो वह अपनी संतान के साथ यहां आपक डूबकी लगाते हैं और राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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