Ahoi Ashtami 2020 : जानिए अहोई अष्टमी पर तारों को अर्घ्य देने का महत्व

Ahoi Ashtami 2020 : अहोई अष्टमी व्रत 8 नवबंर 2020 (Ahoi Ashtami Vrat 8 November 2020) को रखा जाएगा। यह व्रत संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि यह एक ऐसा इकलौता व्रत है जिसमें तारों को अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन इस अहोई अष्टमी के व्रत (Ahoi Ashtami Fast) में तारों को अर्घ्य क्यों दिया जाता है आइए जानते हैं...
अहोई अष्टमी पर तारों को अर्घ्य क्यों दिया जाता है (Ahoi Ashtami Per Kyu Diya Jata Hai Taro Ka Argahya)
जिस तरह से करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है उसी प्रकार से अहोई अष्टमी पर तारों को अर्घ्य दिया जाता है। यह इकलौता व्रत है जिसमें तारों को अर्घ्य दिया जाता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि आकाश में तारों की संख्या को कोई भी नहीं गिन पाया है। इसी को देखते हुए माताएं तारों से यह प्रार्थना करती हैं कि मेरे कुल में भी इतनी ही संतान हो जो मेरे कुल का नाम रोशन करें।
जिस तरह से तारे आसमान में हमेशा के लिए विद्यमान रहते हैं ठीक उसी प्रकार तारों की तरह ही कुल की संतानों का नाम भी और हमारी संतानों का नाम भी हमेशा के लिए संसार में हमेशा विद्यमान रहे। यही वजह है कि माताएं इस दिन तारों को अर्घ्य देती हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार यह माना जाता है कि आकाश में सब तारे अहोई माता की संतान हैं इसलिए इन्हें अर्घ्य दिए बिना इस व्रत को पूरा नहीं माना जाता और न हीं अहोई अष्टमी निर्जल व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
जिस प्रकार आकाश की शोभा तारों से है। उसी प्रकार माताओं की शोभा उनकी संतान से होती है। इसी कारण से अहोई अष्टमी के व्रत में तारों को इतना अधिक महत्व दिया जाता है। यदि आप भी अहोई अष्टमी का व्रत कर रही हैं तो तारों को अर्घ्य अवश्य दें तब ही आपका यह व्रत पूर्ण माना जाएगा।
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