Anant Chaturdashi 2021: अनंत चतुर्दशी आज, जानें उद्यापन और गणेश विसर्जन विधि

Anant Chaturdashi 2021: अनंत चतुर्दशी आज, जानें उद्यापन और गणेश विसर्जन विधि
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Anant Chaturdashi 2021: प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का उत्सव होता है। इस दिन श्रीहरि यानी कि, भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन लोग दाएं हाथ में सूत्र धारण करते हैं और महिलाएं बाएं हाथ में सूत्र धारण करती हैं।

Anant Chaturdashi 2021: प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का उत्सव होता है। इस दिन श्रीहरि यानी कि, भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन लोग दाएं हाथ में सूत्र धारण करते हैं और महिलाएं बाएं हाथ में सूत्र धारण करती हैं।

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अनंत चतुर्दशी के दिन जिनके घरों में उद्यापन किया जाता है, उनके यहां हवन होता है। अनंत चतुर्दशी के दिन जिनके घर व्रत का उद्यापन होता है, उनके घर विशेष हवन के साथ-साथ विशेष पूजन की जाता है, व्रत रखा जाता है और कई प्रकार के मांगलिक कार्य भी होते हैं।

इस व्रत का उद्यापन पुरुष और महिलाएं दोनों ही कर सकते हैं, लेकिन पुरुषों के लिए ये उद्यापन अनिवार्य होता है।

उद्यापन करने वाले महिला या पुरुष के घर 14 व्रत धारियों को भोजन कराया जाता है।

10 दिन तक भगवान गणेश की पूजा के बाद उन्हें भोग लगाकर विसर्जन किया जाता है और उसके साथ ही उनके अगले साल आगमन के लिए फिर से कामना की जाती है।

अनंत चतुर्दशी के दिन 14 लोगों को भोजन कराने के बाद ही यह उद्यापन पूरा होता है।

अनंत चतुर्दशी के दिन घर पर ऐसे करें गणेश विसर्जन

भगवान गणेश की स्थापना के बाद उनका विसर्जन अत्यंत आवश्यक होता है। यदि आप भगवान गणेश का विसर्जन किसी नदी, तालाब या सरोवर में नहीं कर सकते तो आप उनका विसर्जन घर पर ही कर सकते हैं। आपको इसके लिए एक नई बाल्टी चाहिए।

आप उस बाल्टी में शुद्ध जल भरें और साथ ही उसमें गंगाजल डालें। इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें। आप भगवान गणेश की उसी प्रकार से पूजा करें जैसी आप गणेश चतुर्थी से लेकर अब तक करते आएं हैं और उन्हें उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं।

भोग लगाने के बाद एक पाटा लें और उस पर गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें और उस पर साफ वस्त्र बिछाएं और स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद उस पाटे पर अक्षत रखें और गुलाब के फूल की पंखुड़िया उस पर रखें और कपड़े चारों कोनो पर सुपारी रखें।

सुपारी रखने के बाद गणेश जी को अपने स्थान से उठाकर उस पाटे पर रख स्थापित करें। इसके बाद एक पोटली में चावल, गेहूं ,पंचमेवा और अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा रखें। यह सभी चीजें रखें के बाद भगवान गणेश की आरती उतारें और उनकी जयघोष करें।

इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को पानी वाली बाल्टी में आदर के साथ रखें। जब भगवान गणेश की प्रतिमा उस पानी में घुल जाए तो उसे साफ पेड़ पौधों में डाल दें। भगवा्न गणेश को अर्पित की हुई सभी वस्तुएं आप मंदिर में दान कर दें आप चाहें तो यह वस्तुएं किसी निर्धन व्यक्ति को भी दे सकते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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