Ashadh Gupt Navratri 2020: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि, इन बातों का रखें ध्यान

Ashadh Gupt Navratri 2020: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि, इन बातों का रखें ध्यान
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Ashadh Gupt Navratri 2020: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरना 10 महाविद्या तंत्र साधना व महाकाल की विशेष पूजा की जाती है। प्राचीन मान्यताओं के अुनसार गुप्त नवरात्रि में की गीई पूजा को गोपनीय रखा जाता है। आज आपको आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि के बारे में बाताएंगे।

शास्त्रों के अनुसार पूरे सालभर में चार बार नवरात्रि का पर्व आता है, जिसमें से 2 सामान्य और 2 गुप्त नवरात्रि होती है। देवी दुर्गा शक्ति का प्रतीक है और मां के भक्तों के लिए देवी दुर्गा के नौ दिवसीय साधना का महापर्व बहुत खास होता है। आषाढ़ माह में कई बड़े व्रत और त्यौहार मनाए जाते जिनमें से एक आषाढ़ी गुप्त नवरात्रि है। आज हम आपको बताएंगे कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुभ तिथियां, कलश स्थापना शुभ महुर्त, पूजा विधि, मनोकामना पूर्ति के लिए महाउपाय और इस दिन माता रानी को प्रसन्न करने के लिए किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

साल 2020 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का पर्व 22 जून से शुरू हो गया है। जो 29 जून 2020 को समाप्त होगा। घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त और प्रतिपदा तिथि में करना शुभ माना जाता है। इस बार घट स्थापना शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटा 48 मिनट का रहा है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरना 10 महाविद्या तंत्र साधना व महाकाल की विशेष पूजा की जाती है। प्राचीन मान्यताओं के अुनसार गुप्त नवरात्रि में की गीई पूजा को गोपनीय रखा जाता है, नवरात्रि के पहले स्नान आदि से निवृत होकर 9 दिनों तक व्रत का संकल्प यदि शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करें यदि आप कलश स्थापना करते है तो सुबह शाव देवी मंत्र का जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ जरूर करें। देवी मां को दोनों वेला के समय लौंग और बताशे का भग लगाएं। गुप्त नवरात्रि के दौरान मां को लाल रंग के फूल चढ़ाना सर्वोत्तम माना जााता है। नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक अपना खान पान औहार सात्विक रखें। इसके साथ अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत संपन्न करेंष गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से की गई देवी की आराधना जल्द ही फलीभूत होती है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर इन बातों का रखें ध्यान

गुप्त नवरात्रि विेश तरह की इच्छा की पूर्ति तथा सिद्धि प्राप्त करने के लिए है। इसीलिए गुप्त नवरात्रि पर ज्यादा प्रचार प्रसार न करते हुए अपनी साधना को गोपनीय रखना चाहिए, क्योंकि गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय रखी जाती है सफलता उतनी जल्दी ही मिलती है।

अगर आप कलश स्थापना कर रहे हैं तो दोनो समय देवी मां के मंत्र का जाप, चालीसा और सप्तशती का पाठ जरूर करें।

मां की आराधना में उनका पसंदीदा लाल फूल जरूर चढ़ाएं, लेकिन ध्यान रखें की मां को आक, मदार, दूब और तुलसी न चढ़ाएं।

पूरे नौ दिनों तक सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।

गुप्त नवरात्रों में मां को सुबह शाम लौंग का भोग जरूर लगाएं।

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