Basant Panchami 2022: प्रकृति का अनुपम वरदान है बसंत पंचमी, एक क्लिक में जानें इस ऋतु की ये बातें

Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है। यह पर्व प्रतिवर्ष माघ शुक्ल पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन को कई प्रकार से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन से प्रकृति में भी नवीन ऊर्जा का संचार होने लगता है और वृक्षों और लताओं पर नए पत्ते और कपोलें फूटने लगती हैं। वहीं विद्यार्थियों के लिए भी यह दिन बहुत ही खास होता है। विद्यार्थी लोग इस दिन अपनी पुस्तकों का पूजन करके मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सफलता की कामना करते हैं। वहीं धार्मिक मान्यता और पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी के दिन से होली पर्व के भी 40 दिन शेष रह जाते हैं और लोगों में होली पर्व को लेकर भी उमंग उमड़ने लगती है।
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गेंहू की फसल में भी इसी बसंत ऋतु के दौरान ही बालियां निकलने लगती है तो वहीं खेती-बाड़ी से जुड़े लोगों के लिए भी यह पर्व बहुत खास होता है और किसान लोग भी बसंत ऋतु के आगमन पर झूमने लगते हैं और अपने खेतों में अच्छी पैदावार होने की कामना करते हैं।
बसंत पंचमी का दिन और बसंत ऋतु विद्यार्थियों के लिए भी बहुत खास मायने रखती है। इस दौरान प्रकृति में एक अजीब और सुगंधित वातावरण रहता है और चारों ओर पेड़-पौधे पुष्प और फलों से लद जाते हैं। ऐसे माहौल में विद्यार्थियों का मन भी विद्या अध्ययन में अच्छे से लगता है और मां सरस्वती का आशीर्वाद उन्हें अनायास ही मिल जाता है।
बसंत ऋतु प्रकृति का अनुपम वरदान है। इस ऋतु के दौरान प्रकृति में कई प्रकार के बदलाव नजर आने लगते हैं। सर्दी के कारण जर-जर हुई प्रकृति एक नए बदलाव से दुल्हन की तरह नवयौवना सी प्रतीत होने लगती है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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