Basant Panchami 2023: जानें क्यों खास है बसंत पंचमी 2023 का त्योहार, इस बार बन रहे ये 4 योग, शुभ या अशुभ

Basant Panchami 2023: 'बसंत पंचमी' हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्योहार है। बसंत पंचमी को वसंत पंचमी, श्रीपंचमी, ज्ञान पंचमी और मधुमास आदि के नाम से जाना जाता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इस पर्व को पूर्वी भारत, बांग्लादेश, नेपाल और कई अन्य देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ महीने की पंचमी तिथि यानी पांचवें दिन को मनाया जाता है। बसंत पंचमी ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की आराधना का पर्व है। इसे 'सरस्वती पूजा' का पर्व भी करते हैं। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
बसंत पंचमी पर बन रहे 4 शुभ योग (Basant Panchami 2023 Shubh Yog)
बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार पंचमी के दिन चार खास योग बन रहे हैं। ये चारों योग शुभ और लाभदायी योग होते हैं। इस योग में किए जाने वाले सभी कार्य सिद्ध जाते हैं।
शिव योग
सिद्ध योग
सर्वार्थ सिद्धि योग
रवि योग
बसंत पंचमी पूजा का शुभ समय (Basant Panchami 2023 Shubh Muhurat)
बसंत पंचमी का दिन - गुरुवार
बसंत पंचमी की तारीख - 26 जनवरी 2023
पंचमी तिथि प्रारंभ : 12:35 - 25 जनवरी 2023
पंचमी तिथि समाप्त: 10:25 - 26 जनवरी 2023
मां सरस्वती की आरती ( Maa Saraswati Ki Aarti)
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥
जय सरस्वती माता॥
बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला॥
जय सरस्वती माता॥
देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया॥
जय सरस्वती माता॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि,ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का,जग से नाश करो॥
जय सरस्वती माता॥
धूप दीप फल मेवा,माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता,जग निस्तार करो॥
जय सरस्वती माता॥
माँ सरस्वती की आरती,जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारीज्ञान भक्ति पावे॥
जय सरस्वती माता॥
जय सरस्वती माता,जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता॥
मां सरस्वती की आरती ( Maa Saraswati Ki Aarti Song)
जानें क्यों खास है बसंत पंचमी 2023 का त्योहार?
बसंत पंचमी (वसंत पंचमी) हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के पांचवें दिन मनाई जाती है। जो आमतौर पर जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में आती है। यह लंबे और ठंडे सर्दियों के बाद बसंत के आगमन का प्रतीक है। इस प्रकार इसका सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दोनों महत्व है। सभी छह मौसमों में बसंत का मौसम सबसे अधिक मनभावन होता है। बसंत (वसंत) को ऋतुओं के राजा के रूप में भी जाना जाता है। इसकी हल्की और सुखदायक जलवायु के कारण न ज्यादा ठंडा, न ज्यादा गर्म। इस प्रकार बसंत पंचमी का त्योहार एक तरह से बसंत ऋतु के सुंदर मौसम के आगमन का जश्न भी मनाता है।
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