Basoda Puja Vidhi In Hindi: जानें कैसे पूजा जाता है बसोड़ा, यहां जानें सम्पूर्ण पूजन विधि

Basoda Puja Vidhi In Hindi: जानें कैसे पूजा जाता है बसोड़ा, यहां जानें सम्पूर्ण पूजन विधि
X
बसोड़ा पर्व को शीतला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। यह शीतला माता को समर्पित है। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है।

Basoda Puja Vidhi In Hindi: होली के 7 या 8 दिन के बाद बसोड़ा पूजा जाता है। जिसे शीतलष्टमी त्योहार के नाम से जाना जाता है। अष्टमी तिथि के अनुसार, बसोड़ा पूजन 14 मार्च 2023 दिन मंगलवार से हो। लेकिन कई महिलाएं सोमवार को भी बसोड़ा पूजन कर रही है। इस दिन बासी खाना खाते हैं। किसी शुभ ग्रह की दशा में ऐसा करने का विशेष महत्व है। इस बार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि यानी शीतला सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मार्च से हो रही है। 13 तारीख को रात 9 बजकर 27 मिनट से 14 मार्च को रात 8 बजकर 22 मिनट तक पूजा होगा। उदयतिथि के हिसाब से 14 मार्च को ये त्योहार मनाया जाएगा।

बसोड़ा पूजन विधि

बसोड़ा पर्व को शीतला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। यह शीतला माता को समर्पित है। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है। जिससे व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है। उत्तर भारत सहित पूरे देश में बसोड़ा त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। शीतला माता को बहुत ही दयालु माना गया है।

  • शीतला माता की तस्वीर घर में स्थापित कर माता शीतला माता की पूजा करें।
  • इसके बाद अगरबत्ती, तेल का दीपक जलाएं।
  • पूजा के दौरान माता का ध्यान करते रहें।
  • शीतला माता को रबड़ी और दही का भोग लगाएं।
  • श्री शीतला माता चालीसा, श्री शीतला माता अष्टक, बसोड़ा व्रत कथा या शीतला मां की आरती का पाठ करें।
  • शीतला माता का भोग वह लगाएं, जो पिछले दिन बनाया गया हो। इसके बाद उसे प्रसाद के रूप में बांट दें।

बसोड़ा व्रत के क्या है नियम

  • व्रत करने वालों को पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।
  • व्रत के दिन रसोई घर में अग्नि नहीं जलानी चाहिए।
  • अगले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें।
  • स्वच्छ और नए वस्त्र धारण करें।
  • पूजा के दिन ताजा बना भोजन न करें।
  • सप्तमी का व्रत करने वाले भक्तों को षष्ठी तिथि की संध्या को देवी को भोग लगाने के लिए भोजन सामग्री तैयार करनी चाहिए।
  • अगले दिन ग्रहण करने से पहले अपनी रसोई को साफ करना चाहिए।
  • अष्टमी का व्रत करने वालों को सप्तमी तिथि की संध्या के समय नियमों का पालन करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Tags

Next Story