Seven Mukhi Rudraksha: शनि देव को भी शांत रखता है 7 मुखी रुद्राक्ष, जानें इसके धारण करने की विधि और मंत्र

Seven Mukhi Rudraksha: शनि देव को भी शांत रखता है 7 मुखी रुद्राक्ष, जानें इसके धारण करने की विधि और मंत्र
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हिंदू धर्म में 7 मुखी रुद्राक्ष का बहुत ही ज्यादा महत्व माना गया है। 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या को भी कम करने में सहयक होता है। तो आइए जानते हैं सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि और मंत्र के बारे में...

Benefits of Seven Mukhi Rudraksha: सनातन धर्म में रुद्राक्ष को धारण करने का बड़ा ही महत्व माना गया है। रुद्राक्ष दैवीय गुणों से भरपूर और भगवान शिव का स्वरुप माना गया है। वैसे तो धार्मिक पुराणों में रुद्राक्ष के कई प्रकार है और सबका अलग-अलग महत्व बताया गया है। इन्हीं रुद्राक्षों में से एक है सात मुखी रुद्राक्ष। जो बेहद ही लाभदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि सात मुखी रुद्राक्ष महा लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। कहा जाता है कि सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर शनी देव को भी शांत किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं सात मुखी रुद्राक्ष के बेहद चमत्कारी लाभों के बारे में जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक की धन संबंधित सभी तरह की समस्या दूर हो जाती है। इसके साथ ही धन कमाने के नए-नए मार्ग खुलने लगते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग आर्थिक संबंधित समस्याओं से परेशान है तो वैसे व्यक्ति को सात मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए। सात मुखी रुद्राक्ष को घर के पूजा स्थल पर रखने से पूरे परिवार को आर्थिक संकट से बचाता है।

जानें 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि और मंत्र

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे शुद्ध व पवित्र जल से स्नान करा दें। शास्त्रों के अनुसार, सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का शुभ दिन सोमवार, शिवरात्रि या फिर श्रावण मास के किसी भी दिन कर सकते हैं। इसे धारण करने से पहले एक चांदी या तांबे की कटोरी में दूध, दही, शहद, घी व शक्कर लेकर सारे चीजों को मिला लें। इसके बाद इस मिश्रण में सात मुखी रुद्राक्ष को स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद पुन: शुद्ध गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद लाल वस्त्र में लपेट कर घर के पूजा स्थल पर रखें। इन सारी प्रक्रियाओं के बाद सात मुखी रुद्राक्ष के सामने गाय के घी का दीपक जलाकर ओम नमः शिवाय, या ओम हूं नमः मंत्र का 501 या 1100 बार जप करें। इस मंत्र के जाप करने के बाद भगवान शिव को स्मरण करें। इसके बाद ही इसे गले में धारण करें। इन सभी तरह की उपायों को बताए अनुसार धारण करने से सात दिनों में ही असर दिखाई देने लगेगा।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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