Bhai Dooj 2022: भाई दूज कब है, जानें डेट, शुभ मुहूर्त, टीका करने का मंत्र और विधि

Bhai Dooj 2022: भाई दूज कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया और भ्रात द्वितीया आदि के नाम से भी जाना जाता है। बहन इस दिन अपने भाईयों को घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करती हैं और भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। तो आइए जानते हैं साल 2022 में भाई दूज का पर्व कब है, इसका दिन और तारीख क्या रहेगी, द्वितीया तिथि कब प्रारंभ होगी और कब समाप्त होगी, भाई को टीका करने का शुभ मुहूर्त क्या होगा, टीका करने का मंत्र क्या है और इसकी विधि क्या है। साथ ही जानेंगे कि, भाई की लंबी उम्र के लिए बहनों को क्या जलाना चाहिए।
भाई दूज शुभ मुहूर्त 2022
भाई दूज दिन और तारीख | 26 अक्टूबर 2022, दिन बुधवार |
भाई को टीका करने का समय | दोपहर 01:12 बजे से दोपहर 03:27 बजे तक |
अवधि | 02 घंटा 14 मिनट |
द्वितीया तिथि प्रारंभ | 26 अक्टूबर दोपहर 02:42 बजे |
द्वितीया तिथि समाप्त | 27 अक्टूबर दोपहर 12:45 बजे |
भाई को टीका करने की विधि
रक्षा बंधन की तरह ही भाई दूज का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं, इस दिन भाई की लंबी आयु और उज्जवल भविष्य के लिए पहले पूजा की थाली, फल-फूल, दीपक, अक्षत, मिठाई, सुपारी, आदि वस्तुओं से सजायी जाती है। इसके बाद घी का दीपक जलाकर भाई की आरती की जाती है और शुभ मुहूर्त देखकर तिलक किया जाता है। तिलक लगाने के बाद भाई को पान, मिठाई आदि वस्तुएं खिलायी जाती हैं। तिलक और आरती के बाद भाई को अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए और उन्हें उपहार स्वरुप गिफ्ट देना चाहिए।
भाई के संकटों का नाश करने का उपाय
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाई दूज के अवसर पर जब बहनें भाई को तिलक लगाती हैं तो भाई के जीवन पर आने वाली सभी बाधाओं और संकटों का नाश हो जाता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। तथा इस दिन बहन के घर भोजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
भाई की लंबी आयु का उपाय
भाई दूज के दिन भाई की लंबी उम्र की कामना के साथ ही शाम के समय यमराज के नाम का चौमुखी दीपक जलाकर घर के दहलीज के बाहर रखना चाहिए। ये उपाय करने से भाई के जीवन की विघ्न बाधाएं दूर होती हैं और उसे लंबी आयु की प्राप्ति होती है।
टीका करने का मंत्र
गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा-यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS