Chaitra Amavasya 2022: चैत्र अमावस्या कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन जरुर करें ये काम

Chaitra Amavasya 2022: चैत्र अमावस्या कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन जरुर करें ये काम
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Chaitra Amavasya 2022: शास्त्रों में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। साल में 12 अमावस्या पड़ती हैं। चैत्र माह की अमावस्या तिथि चैत्र अमावस्या कहलाती है। शास्त्रों में यह तिथि पितृों को मोक्ष दिलाने वाली मानी गई है। अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान, पितरों के निमित्त दान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है।

Chaitra Amavasya 2022: शास्त्रों में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। साल में 12 अमावस्या पड़ती हैं। चैत्र माह की अमावस्या तिथि चैत्र अमावस्या कहलाती है। शास्त्रों में यह तिथि पितृों को मोक्ष दिलाने वाली मानी गई है। अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान, पितरों के निमित्त दान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। चैत्र अमावस्या को पवित्र नदी में स्नान करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। तो आइए जानते हैं साल 2022 चैत्र मास की अमावस्या तिथि, पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में...

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चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022

चैत्र अमावस्या तिथि

साल 2022 में चैत्र अमावस्या 01 अप्रैल 2022, दिन शुक्रवार को है।

अमावस्या तिथि प्रारंभ

31 मार्च दोपहर 12:22 बजे से

अमावस्या तिथि समाप्त

01 अप्रैल 11:53 बजे

दर्श और चैत्र अमावस्या

तिथि पंचांग के अनुसार, दर्श अमावस्या 31 मार्च और उदयातिथि के आधार पर चैत्र अमावस्या 01 अप्रैल को है।

ब्रह्म और इंद्र योग में चैत्र अमावस्या

साल 2022 में चैत्र अमावस्या के दिन सुबह 09:37 बजे तक ब्रह्म योग है और उसके बाद इंद्र योग शुरु हो जाएगा। ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि यसेग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। ये योग सुबह 10:40 बजे से अगले दिन सुबह 06:10 बजे तक रहेंगे। ये दोनों ही योग कार्यों में सिद्धि और सफलता प्रदान करने वाले माने जाते हैं।

चैत्र अमावस्या पूजा विधि

शास्त्रों के अनुसार हर माह की अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है। इस दिन प्रात:काल दैनिक कार्यों से निवृत होकर किसी पवित्र नदी, जलाश्य, कुंड या फिर गंगाजल मिले जल से स्नान करें और सूर्यदेव को तांबे के पात्र में जल का अर्घ्य दें। इसके बाद पितरों की आत्म शांति के लिए दान, तर्पण, श्राद्ध कर्म करें। अब पीपल के पेड़ में जल का अर्घ्य दें और वहां पर सरसों के तेल का एक दीया जलाकर वूक्ष की परिक्रमा करें। इसके बाद शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करें।

चैत्र अमावस्या उपाय

  1. अमावस्या के दिन पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए स्नान, दान व तर्पण करना शुभ माना गया है। साथ ही इस दिन कुछ ज्योतिष उपाय करने से पितृदोष और कालसर्प दोष से छुटाकारा मिलता है।
  2. मान्यता है कि, चैत्र अमावस्या के दिन अनाज, कपड़े, फल, खाने की सफेद चीजें, पानी के लिए मिट्टी के बर्तन और जूते-चप्पल दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
  3. चैत्र अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के वृक्ष की पूजा कर पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से आर्थिक लाभ होता है।
  4. मां लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए अमावस्या की शाम घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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