Chaitra Navratri 2021 : नवरात्रि में प्रतिदिन करें मां अम्बे जी की आरती, बरसेगी मातारानी की कृपा

- नवरात्रि में पूजन के दौरान मां दुर्गा की आरती करने का विधान है।
- मां अम्बे गौरी अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होती हैं।
Chaitra Navratri 2021 : नवरात्रि में पूजन के दौरान मां दुर्गा की आरती करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि किसी भी पूजन के बाद उस देवी-देवता की आरती कर लेने से उस देवता की पूजा पूर्ण हो जाती है और पूजन के दौरान हुई गलती को भी संबंधित देवी-देवता नजर अंदाज कर देते हैं। मां अम्बे जी निर्मल हृदय से पुकारने पर अपने भक्तों की करुण पुकार जल्द ही सुनती हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं। तो आइए चैत्र नवरात्रि के इस पावन पर्व पर हम लोग मां अम्बे जी की प्रतिदिन आरती करके उन्हें प्रसन्न करें और अपनी मनोकामना पूर्ण करने का वरदान प्राप्त करें।
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दुर्गा आरती
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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