Chaitra Navratri 2021 : इन महिलाओं से नवरात्रि व्रत रखने पर भी क्रोधित होती हैं मां दुर्गा

Chaitra Navratri 2021 : इन महिलाओं से नवरात्रि व्रत रखने पर भी क्रोधित होती हैं मां दुर्गा
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  • नवरात्रि हिन्दुओं का एक विशेष पर्व है।
  • नवरात्रि शब्द एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें।
  • इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान शक्ति देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

Chaitra Navratri 2021 : नवरात्रि हिन्दुओं का एक विशेष पर्व है। नवरात्रि शब्द एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान शक्ति देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है। जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जो इस व्रत को ना रखें तो अच्छा है। तो आइए जानते हैं किन महिलाओं को नवरात्रि के व्रत से दूर रहना चाहिए, नहीं तो मां दुर्गा आपसे क्रोधित हो सकती हैं और आपके साथ कुछ अशुभ हो सकता है।

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  1. शास्त्रों के अनुसार, शादी दो दिलों का बंधन है, जिसके बंधन में आजीवन रहना होता है, ना कि अलग- अलग। मातारानी टूटे हुए जोड़े को स्वीकार नहीं करती हैं। टूटे हुए जोड़े का व्रत रखना, पूजा-पाठ करना शुभ नहीं माना जाता है। बल्कि मातारानी तब प्रसन्न होती हैं जब आप बंधन में हों। खासतौर से पति-पत्नी अगर व्रत रखें तो मातारानी सबसे अधिक प्रसन्न होती हैं। ऐसे में शेरों वाली माता बहुत खुश होती हैं इसलिए दोनों को मिलकर पूजा-पाठ करना चाहिए, ना कि अलग-अलग।
  2. एक वैश्या को नवरात्रि और करवा चौथ का व्रत कभी नहीं रखना चाहिए। जब व्यक्ति के मन और शरीर दोनों की पवित्रता समाप्त हो जाती है तब वह मैला ही नहीं बल्कि पापी भी कहलाता है। इसलिए आपकी पूजा कभी सफल नहीं हो सकती है, ये व्रत आप कभी ना रखें।
  3. अगर आपको कोई घातक बीमारी है, तो आप नवरात्रि व्रत को ना रखें, नहीं तो आपके साथ कुछ भी हो सकता है। इसीलिए सावधान रहें।
  4. अगर आप किसी भी व्रत को दिखावे के तौर पर अपनाते हैं तो शास्त्रों में इसे घोर पाप माना जाता है। ऐसा करने से आप देवताओं का मजाक ही नहीं उड़ाते बल्कि आप पाप के भागीदार भी बनते हैं और देवी मां कभी भी ऐसे लोगों से प्रसन्न नहीं होती हैं, बल्कि उसको बर्बाद कर देती हैं। देवता तभी प्रसन्न होते हैं जब आप सच्चे दिल से उन्हें पुकारें और शास्त्रों का पालन करें।
  5. अगर आपको बार-बार गाली देने की आदत है तो आप जितना जल्दी हो सके इस आदत को छोड़ दें। अगर मातारानी को प्रसन्न करना है और व्रत व पूजा-पाठ करना है तो अपनी जुबान से मीठे बोल ही बोलने का प्रयत्न करें। अधिक से ज्यादा कड़वे बोल माता सरस्वती का अपमान होता है और आप भी पाप के भागीदार बन जाते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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