Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन होगी मां कात्यायनी की पूजा, जानें उन्हें प्रसन्न करने की विधि, मंत्र और भोग-प्रसाद

Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन होगी मां कात्यायनी की पूजा, जानें उन्हें प्रसन्न करने की विधि, मंत्र और भोग-प्रसाद
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Chaitra Navratri 2022: देवी दुर्गा के नौ रूपों में से छठा स्वरुप व अवतार देवी कात्यायनी हैं। देवी पुराण के अनुसार, कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रुप में जन्म लेने के कारण ही मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कात्यायनी पड़ा।

Chaitra Navratri 2022: देवी दुर्गा के नौ रूपों में से छठा स्वरुप व अवतार देवी कात्यायनी हैं। देवी पुराण के अनुसार, कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रुप में जन्म लेने के कारण ही मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कात्यायनी पड़ा। कहा जाता है कि, जो भी भक्त नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा पूरी श्रद्धा भाव के साथ करता है तो माता के आशीर्वाद से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वहीं इनकी पूजा के प्रभाव से कुंडली में विवाह योग मजबूत होते हैं और मां कात्यायनी की भक्ति से मनुष्य को अर्थ, कर्म, काम, मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

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छठा नवरात्रि व्रत तिथि

इस बार चैत्र नवरात्रि का छठा नवरात्रि व्रत और षष्ठी तिथि 07 अप्रैल 2022, दिन गुरुवार को है।

षष्ठी तिथि प्रारंभ: 06 अप्रैल शाम 06:01 बजे से

षष्ठी तिथि समाप्त: 07 अप्रैल रात्रि 08:32 बजे

मां कात्यायनी स्वरुप

मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पति रुप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने उनकी पूजा की थी। इसीलिए इन्हें ब्रजमण्डल की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है। मां कात्यायनी के स्वरुप की अगर बात करें तो माता का रंग सोने की तरह सुनहरा और चमकदार है। मातारानी की चार भुजाएं और मां सिंह पर सवार रहती हैं। मां अपने एक हाथ में कमल का पुष्प धारण किए हुए रहती हैं इसके अलावा मां के दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हैं।

कात्यायनी मां का पसंदीदा रंग और भोग

मां कात्यायनी को लाल रंग बहुत प्रिय है। इस दिन भोग के रुप में मातारानी को शहद अर्पित किया जाता है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से आपकी आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है और वहीं मां आपको निरोगी काया का वरदान देती है। इस दिन व्रती को प्रसाद के रुप में शहद का प्रयोग करने से सुंदर रुप और यौवन प्राप्त होता है।

देवी कात्यायनी की पूजा विधि और मंत्र

नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा करने के लिए प्रात: स्नान के बाद लाल या पीले रंग का वस्त्र धारण करें और गंगाजल से पूजास्थल को शुद्ध कर लें। इसके बाद गणेश जी और सभी देवी-देवताओं का आह्वान कर माता को प्रणाम कर उनका ध्यान करें। इसके बाद उन्हें फल-फूल, कच्ची हल्दी की गांठ, रोली, सिंदूर और शहद अर्पित करें। इसके बाद धूप-दीप जलाकर मां की आरती करें। षष्ठी तिथि के दिन देवी कात्यायनी की पूजा में उनके मंत्र 'ऊँ देवी कात्यायन्यै नम:' का 108 बार जाप करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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