Pradosh Vrat 2022: चैत्र शुक्ल प्रदोष व्रत कब है, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Pradosh Vrat 2022: प्रत्येक माह के दोनों पक्षों शुक्ल और कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस व्रत में भगवान शिव की अराधना प्रदोष काल के समय की जाती है। इस साल चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत 14 अप्रैल दिन गुरुवार को रखा जाएगा। गुरुवार को पड़ने के कारण यह गुरु प्रदोष होगा। तो आइए जानते हैं साल 2022 चैत्र शुक्ल प्रदोष व्रत तिथि, प्रदोष काल पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले उपाय के बारे में...
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चैत्र शुक्ल प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 2022
प्रदोष व्रत तिथि : साल 2022 में चैत्र शुक्ल प्रदोष व्रत 14 अप्रैल, दिन गुरुवार को रखा जाएगा।
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त : सायंकाल 06:46 बजे से रात्रि 09:00 बजे तक
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ : 14 अप्रैल प्रात:काल 04:49 बजे से
त्रयोदशी तिथि समाप्त : 15 अप्रैल प्रात:काल 03:55 बजे
गुरु प्रदोष पूजा विधि
गुरु प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। प्रात:काल की दैनिक पूजा करें और फिर शाम के समय किसी शिव मंदिर जाकर या घर पर ही भगवान शिव की विधिवत पूजा करें। प्रदोष काल में भगवान शिव का गंगाजल मिले जल से अभिषेक करें और उन्हें सफेद चंदन का लेप लगाएं, इसके बाद अब अक्षत, बेलपत्र, धतूरा, शमी का पत्ता, सफेद फूल, शहद, भस्म, शक्कर आदि चीजें ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर अर्पण करें। इसके बाद घी का दीपक जलाएं और अंत में गुरु प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें और भगवान शिव की आरती करें।
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का दिन है। जो प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ता है, उसे गुरु प्रदोष कहते हैं। गुरु प्रदोष व्रत करने से कोई भी मनोकामना जल्दी ही पूरी होती है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, इसीलिए इस दिन भगवान भोलेनाथ और श्रीहरि का पूजन करने से सभी काम सफल होते हैं।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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