Chanakya Niti: धन के लिए कभी ना भूलें ये तीन चीजें, वरना....

Chanakya Niti: धन के लिए कभी ना भूलें ये तीन चीजें, वरना....
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Chanakya Niti: पैसा इंसान को राजा से रंक और गरीब से धनवान बना सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में पैसों के बारे में महत्वपूर्ण नीति बतायी है। पैसों से व्यक्ति अपनी हर जरुरत की चीज खरीद सकता है और साथ ही अपने परिवार का भी भरण पोषण करने में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि, जब किसी व्यक्ति को पैसों का घमंड आ जाए तो वह आदमी अर्श से फर्श पर भी आ जाता है।

Chanakya Niti: पैसा इंसान को राजा से रंक और गरीब से धनवान बना सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में पैसों के बारे में महत्वपूर्ण नीति बतायी है। पैसों से व्यक्ति अपनी हर जरुरत की चीज खरीद सकता है और साथ ही अपने परिवार का भी भरण पोषण करने में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि, जब किसी व्यक्ति को पैसों का घमंड आ जाए तो वह आदमी अर्श से फर्श पर भी आ जाता है। पैसा हाथ से जाने पर दोबारा कमाया जा सकता है, लेकिन धन कमाने के चक्कर में इन तीन चीजों को खो दिया तो उन्हें वापस पाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में धनवान व्यक्ति भी लोगों की नजरों में कंगाल होता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि, तीन चीजें ऐसी हैं जो पैसों से भी बढ़कर हैं। तो आइए जानते हैं कि, कौन सी हैं ये तीन चीजें, जिनका महत्व पैसों से भी अधिक होता है।

प्रेम

पैसा और प्यार कहने में बेशक छोटे शब्द हैं, लेकिन इन दोनों शब्दों का मतलब बहुत अलग है। कोई अपने परिवार को छोड़कर पैसों से प्यार करता है तो कोई प्यार के लिए अपनी दौलत को ठुकरा देता है। कहते हैं कि, प्यार के आगे दुनिया भर की दौलत फीकी पड़ जाती है। चाणक्य के अनुसार, पैसों में प्यार खरीदा नहीं जा सकता है। रिश्तों को सहेज कर रखना है तो रिश्तों के बीच में पैसा कभी नहीं आना चाहिए। क्योंकि रिश्तों के सामने पैसों का कोई मोल नहीं होता है। कोई कितना भी धनवान क्यों ना हो, लेकिन अगर आपसे कोई प्रेम नहीं करता है और रिश्ता नहीं रखना चाहता है तो आपसे गरीब व्यक्ति कोई और नहीं है।

धर्म

हमेशा धर्म को धन से ऊपर रखना चाहिए। मनुष्य को सही गलत की पहचान कराने वाला धर्म ही होता है। चाणक्य के अनुसार, एक जब कोई व्यक्ति धन कमाने के चक्कर में धर्म को त्याग देता है तो ऐसे लोगों की समाज में प्रतिष्ठा कम हो जाती है। ऐसा व्यक्ति जल्दी ही बुराई के रास्ते पर चलने लगता है और शीघ्र ही घृणा का पात्र बन जाता है।

स्वाभिमान

स्वाभिमान से आपके व्यक्तित्व की पहचान होती है। व्यक्ति धन को अपनी मेहनत से दोबारा कमा सकता है। लेकिन अगर आत्मसम्मान चला जाए तो उसे वापस पाना बहुत कठिन है। स्वाभिमान के लिए पैसों का त्याग भी करना पड़े तो कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। इससे आप एक अच्छे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति की मिशाल पेश कर सकते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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