Chanakya Niti : स्त्रियों को दुष्ट पुरुष ही पसंद आते हैं, जानिए क्यों अच्छे पुरुष को मूर्ख समझती हैं महिलाएं

Chanakya Niti : स्त्रियों को दुष्ट पुरुष ही पसंद आते हैं, जानिए क्यों अच्छे पुरुष को मूर्ख समझती हैं महिलाएं
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Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया है कि मोहनी और मद पैदा करने वाली सुन्दर स्त्री अपने सच्चे प्रेमी को कभी नहीं चाहती है। वह उससे घृणा करती है। और उसकी पीठ पीछे उसे मूर्ख समझती है।

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया है कि मोहनी और मद पैदा करने वाली सुन्दर स्त्री अपने सच्चे प्रेमी को कभी नहीं चाहती है। वह उससे घृणा करती है। और उसकी पीठ पीछे उसे मूर्ख समझती है। और जो पुरुष उस स्त्री के साथ चालें चलता है, उससे झूठ बोलता है, जोकि एक नंबर को धूर्त और दगाबाज होता है, जोकि दुर्गुणों की मूर्ति और दुष्टता की खान होता है ऐसे ही पुरुष को पाने के लिए स्त्री आतुर होती है। इसलिए अगर को पुरुष अच्छा बनकर किसी स्त्री को पाने के बारे में सोचता है तो वह बड़ा ही मूर्ख है। क्योंकि किसी भी भले इंसान में कोई स्त्री रत नहीं होना चाहती है। वह उसे मूर्ख ही मानती है। तो आइए जानते हैं कि सुन्दर स्त्रियों को दुष्ट स्वभाव के पुरुष ही क्यों पसंद आते हैं।

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जिस प्रकार दुध पिलाने पर सर्प का विषेला स्वभाव नष्ट नहीं होता है। बल्कि और भी बढ़ जाता है अच्छे और सदगुणी पुरुषों का साथ स्त्रियों को और भी दुष्ट और क्रूर बना देता है। वो स्त्री ऐसे पुरुष को सांप की तरह जीवन भर डंसती रहती है। और उसे उस व्यक्ति पर कभी दया नहीं आती है। स्त्री हमेशा ऐसे ही पुरुष को चाहती है जो उनके साथ दुष्टता करता है। जो उनसे झूठ बोलता है। जो उनके साथ चालें चलता है। और जो व्यक्ति परले सिरे का धूर्त हो। और जो केवल अपनी कामपिपासा मिटना चाहता है। और जो केवल स्त्रियों की देह की प्राप्ति करना चाहता है। ऐसे ही पुरुषों को स्त्री चाहने लगती है। उस नीच पुरुष के लिए अपने माता-पिता, पुत्र और पति का भी त्याग करने के लिए महिलाएं तैयार हो जाती हैं। वह स्त्री शास्त्र, दंड, मान-सम्मान किसी से भी नहीं घबराती है। इतना ही नहीं वह स्त्री अपने प्राणनाश की भी चिंता नहीं करती।

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इसलिए सभ्य मनुष्य को भी अगर स्त्री की प्राप्ति करनी है तो उसे भी अपने सदगुणों का त्याग ही करना पड़ेगा। क्योंकि स्त्रियों में यह स्वभाविक दोष होता है कि वह अपनों में और परायों में भेद करना नहीं जानती है। वह बिना विचार करें ही कार्य करती है। और अपने साथ अच्छा करने वालों का वह नाश ही कर देती है। लेकिन आचार्य चाणक्य की यह नीति सभी स्त्रियों पर लागू नहीं होती है। केवल मोहनी और मद पैदा करने वाली स्त्रियों पर ही लागू होती है। जो केवल अपने स्वार्थ के लिए पुरुषों को मोहित करती हैं।

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