शादी के लिए करना होगा इंतजार, चार्तुमास 1 जुलाई से शुरू होने के कारण बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य

शादी के लिए करना होगा इंतजार, चार्तुमास 1 जुलाई से शुरू होने के कारण बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य
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1 जुलाई से चातुर्मास लग जाएगा एवं शादी के लिए चार माह तक इंतजार करना पड़ेगा। चातुर्मास लगते ही भगवान का शयनकाल आरंभ हो जाएगा। इस समय देवी देवता विश्राम करने चले जाते हैं।

1 जुलाई से चातुर्मास लग जाएगा एवं शादी के लिए चार माह तक इंतजार करना पड़ेगा। चातुर्मास लगते ही भगवान का शयनकाल आरंभ हो जाएगा। इस समय देवी देवता विश्राम करने चले जाते हैं। भगवान विष्णु इस चार माह में शयन निंद्रा में होंगे। इसके चलते मांगलिक कार्यो में विराम लग जाएगा। सिर्फ पूजन कार्यक्रम होंगे।

ज्योतिषियों के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दौरान लोग कोई भी विवाह कार्यक्रम नहीं करते हैं। कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक की अवधि देवताओं के विश्राम की होती है। इस वजह से मांगलिक कार्यों में उनकी उपस्थिति नहीं मानी जाती है। उनकी उपस्थिति के बिना शादी जैसे शुभ कार्य संपन्न नहीं किए जा सकते हैं।

देवउठनी एकादशी को होगी वापसी

इस वर्ष 1 जुलाई से चातुर्मास व देवशयनी की तिथि आरंभ हो रही है। इस दौरान मांगलिक कार्य न होकर पूजन व व्रत त्यौहार मनाए जाते रहेंगे। गृह प्रवेश जैसे कार्य भी नहीं होंगे। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करने चले जाएंगे। शयन के समय भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बली के निवास में वास करते हैं। चार माह उपरांत कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को उनकी वापसी होगी। इसे देवउठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है।

रहेगा आध्यात्मिक माहौल

चातुर्मास के बाद सावन माह आता है। सावन में सोमवार का बड़ा महत्व माना जाता है। इस समय शिव भगवान की पूजा, आराधना में लोग लीन रहते हैं। खासकर महिलाएं भजन कर भगवान शिव की आराधना करती हैं। इससे पूरे माह भर आध्यात्मिक माहौल बना रहेगा। रक्षा बंधन सहित अन्य कई व्रत, त्यौहारों की धूम रहेगी।

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