Thekua Recipe: बिना ठेकुआ अधूरा है छठ पर्व, जानें इसे बनाने का तरीका

Thekua Recipe: पूर्वांचल हिस्से के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी ठेकुए का काफी महत्व है। छठ का पर्व बिना ठेकुआ के अधूरा है। इसे कई लोग मैदा की मदद से तो कुछ लोग सूजी और गेहूं का इस्तेमाल करके बनाते हैं, लेकिन क्या आपको ठेकुआ के पीछे की कहानी के बारे में पता है। आज हम आपको ठेकुआ के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं। जानें कितना पुराना है ठेकुआ का इतिहास...
ठेकुआ की कहानी
ठेकुआ की कहानी वर्षों पुरानी है। इसे मुख्य रूप से छठ पर्व में बनाया जाता है। ठेकुआ को लेकर मान्यता है कि इसे छठी मैया को भोजन के रूप प्रस्तुत करने से व्रत रखने वाली महिला के घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। इस पकवान को छठ पूजा के दौरान पूजा आरती के बाद प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। ठेकुआ को कई अन्य नामों जैसे खजुरिया या थिकरी से भी जाना जाता है। ठेकुआ का इतिहास 3700 साल पुराना है। इसका उल्लेख ऋग्वेद में पाया जाता है। जानें इसे बनाने का तरीका...
ठेकुआ बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
मोटा पिसा हुआ गेहूं का आटा- आधा किलो
रावा गुड़- 150 ग्राम
देसी घी- 100 ग्राम
सूखा नारियल का बुरादा-50 ग्राम
सौंफ- 1 चम्मच
आवश्यकतानुसार पानी
ठेकुआ बनाने का आसान तरीका
सबसे पहले एक परात में गेहूं का हल्का मोटा पिसा हुआ आटा लें।
इसके बाद रावा गुड़ को पिघलाकर आटे में मिलाएं। दोनों को अच्छे से मिलाने के बाद इसमें घी, सौंफ और नारियल का बुरादा डालकर मिक्स करें।
इसके बाद थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर आटे को गूथें।
इसके बाद हाथों की मदद से मिलाते हुए लोई बनाएं और ठेकुआ बनाने वाले लकड़ी के सांचे में घी लगाकर लोई को रखकर चपटा कर दें।
इसी प्रक्रिया को दोहराते हुए सभी ठेकुआ को बनाकर रख लें। बनाने के बाद तेल या घी को गर्म होने के लिए रख दें।
तेल गर्म होने के बाद एक बार में चार या पांच ठेकुआ को डालकर पकने तक उलट पलट कर तलें। पकने के बाद सभी को एक प्लेट में निकाल कर रख लें।
अब इसे आप एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके महीने भर खा सकते हैं।
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