Chhath Puja 2020: जानिए कार्तिक छठ पूजा की तिथि, नहाय खाय, खरना, डूबते और उगते हुए सूर्य को कब दिया जाएगा अर्घ्य

Chhath Puja 2020: साल में छठ दो बार मनाया जाता है एक चैती छठ और दूसरा कार्तिक छठ। चैती छठ चैत्र के महीने में होता है। और कार्तिक छठ कार्तिक के महीने में मनाई जाती है। छठ पर्व दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाता है। छठ पूजा में सूर्यदेवता की पूजा का विशेष महत्व है।
पौराणिक मान्यताओं में बताया गया है कि छठ माता सूर्यदेवता की बहन हैं। कहा जाता है कि सूर्यदेव की उपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती है। और मन की सभी मुरादें पूरी करती हैं। छठ की शुरूआत नहाय खाय से होती है। चार दिन तक चलने वाले छठ के इस त्योहार का समापन उषा अर्घ्य के साथ होता है। तो आइए जानते हैं कि वर्ष 2020 में छठ, नहाय खाय और खरना की तिथि क्या है।
2020 में छठ का त्योहार 18 नवंबर 2020 से 21 नवंबर 2020 तक मनाया जाएगा।
-18 नवंबर को नहाय खाय
-19 नवंबर को खरना
-20 नवंबर को संध्या अर्घ्य
-21 नवंबर को उषा अर्घ्य
इन चार दिनों में लोगों को कड़े नियमों का पालन करना होता है। इन चार दिनों में छठ पूजा से जुड़े कई प्रकार के व्यंजन, भोग और प्रसाद बनाए जाते हैं।
कार्तिक मास की षष्ठी पर शुरू होने वाले इस व्रत को सूर्य षष्ठी, छठ पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। जोकि इस वर्ष 18 नवंबर 2020 को है। इस दिन घर में जो भी छठ का व्रत का संकल्प लेता है। वह स्नान करके साफ और नए वस्त्र धारण करता है। फिर व्रती शाकाहारी भोजन लेते हैं। आमतौर पर इस दिन कद्दू की सब्जी, अरबा चावल और चने की दाल बनाई जाती है।
नहाय खाय के अगले दिन खरना होता है। इस दिन से सभी लोग उपवास करना शुरू कर देते हैं। इस बार खरना 19 नवंबर 2020 को है। इस दिन छठी मईया के प्रसाद के लिए खीर बनाई जाती है। साथ ही फल और गुड़ की खीर से पूजा की जाती है।
हिन्दू धर्म में यह पहला ऐसा त्योहार है जिसमें डूबते हुए सूरज की पूजा होती है। छठ के तीसरे दिन शाम के समय अर्घ्य वाले दिन शाम के पूजन की तैयारी होती है। इस बार शाम का अर्घ्य 20 नवंबर को दिया जाएगा। इस दिन नदी या तालाब में खड़े होकर ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। और इसके बाद अगली पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है।
चौथे दिन सुबह के अर्घ्य के साथ-साथ छठ पर्व का समापन हो जाता है। सप्तमी को सुबह सूर्योदय के समय भी सूर्यास्त वाली प्रक्रिया को दोहराया जाता है। और उसके बाद छठ पूजा का प्रसाद बांटा जाता है। और इस प्रकार व्रत संपन्न हो जाता है। यह तिथि इस वर्ष 21 नवंबर 2020 को है।
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