Chhath Puja Kharna: छठ पूजा का दूसरा दिन 'खरना' आज, जानें क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?

Chhath Puja Kharna: छठ के महापर्व की 17 नवंबर से शुरुआत हो गई है। आप सभी को इस बात का पता ही होगा कि छठ के पहले दिन नहाय-खाय और दूसरे दिन खरना पूजा, तीसरे दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है। छठ पूजा का पर्व चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है। छठ के दूसरे दिन का काफी महत्व है। आज के दिन की जाने वाली पूजा को खरना कहा जाता है। आइये जानते हैं कि खरना पूजा से जुड़े क्या नियम है।
खरना पूजा का महत्व
छठ पूजा का पर्व चार दिनों तक चलता है। इस पर्व का हर दिन बेहद खास होता है। इस बार खरना आज यानी 18 नवंबर को है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इसके साथ ही, छठ पूजा के लिए प्रसादी बनाती है। खरना के दिन खासतौर पर गुड़ की खीर यानी 'रसियाव' बनाई जाती है। व्रती महिलाएं शाम के वक्त इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं।
खरना के दिन क्या करें
- खरना के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले नहाएं।
- आज के दिन साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। जहां पर गंदगी होती है, वहां पर देवी निवास नहीं करती है।
- घर की साफ-सफाई के बाद पूजा और व्रत का संकल्प लिया जाता है।
- खरना के दिन शाम को प्रसाद में गुड़ की खीर बनाई जाती है। इस खीर को रसियाव कहा जाता है।
- आज शाम को इसे खाने के बाद ही व्रत शुरू होता है।
- इसके बाद छठी मइया और सूर्य देव को रसियाव, मिठाई, पूड़ी और केले के साथ भोग लगाया जाता है।
- इसके बाद व्रती महिलएं ग्रहण करती हैं और परिवार के अन्य सदस्य प्रसाद को खाकर भोजन करते हैं।
खरना के दिन क्या न करें
- खरना पूजा वाले दिन व्रत करने वाली महिलाओं को लहसुन-प्याज छूना नहीं चाहिए। ऐसा करने पर व्रत की पवित्रता खराब हो जाती है।
- आज साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। खरना के दिन किसी भी चीज को बिना हाथ धोए नहीं छूना चाहिए।
- आज के दिन से व्रती महिलाएं जमीन पर सोती हैं। छठ पूजा व्रत में पलंग पर सोने की मनाई होती है।
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