Dev Diwali 2022 : सुख-समृद्धि के लिए देव दिवाली के दिन कहां और कितने दीये जलाएं, जानें...

Dev Diwali 2022 : देव दीपावली का पर्व दिवाली महापर्व की तरह से ही मनाया जाता है, जोकि देवउठनी एकादशी से प्रारंभ होता है और कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस पर्व का समापन होता है। देव दिवाली के दिन काशी में गंगास्नान करने का बहुत महत्व माना जाता है, लेकिन अगर आप काशी नहीं जा सकते हैं तो आप इस दिन कहीं भी गंगास्नान कर सकते हैं। वहीं आप गंगास्नान के लिए भी नहीं जा सकते हैं तो देव दिवाली के दिन घर पर ही गंगाजल मिले जल से स्नान जरुर करें। ऐसा करने से आप अक्षय पुण्य के भागीदार बन जाते हैं। वहीं इस दिन दिवाली की तरह ही दीये जलाने की परंपरा है और इस दिन गंगा नदी के अलावा घर, मंदिर आदि जगह भी दीये जलाये जाते हैं। कहा जाता है कि, देव दिवाली के दिन दीपदान करने से भगवान शिव के साथ में महादेव भी प्रसन्न होते हैं और साथ ही आपके पितृ पर प्रसन्न होकर आपके लिए सुख और ऐश्वर्य की कामना करते हैं। वहीं देव दिवाली के दिन कम से कम पांच दीये अवश्य ही जलाने चाहिए। तो आइए जानते हैं देव दिवाली के दिन ये पांच दीये कहां:कहां जलाने चाहिए।
तुलसी जी के पास
देव दिवाली के दिन संध्या काल में एक दीया तुलसी जी के पास गाय के घी का जलाना चाहिए। ऐसा करने से आपको तुलसी जी के साथ में मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है।
भगवान विष्णु
अपने घर के पूजास्थल पर एक दीया भगवान के नाम का जरुर जलाये। पूजास्थल पर घी का दीया जलाने से आपके ऊपर श्रीहरि नारायण की कृपा बनी रहती है और आपको कार्यों में सफलता मिलती है।
खुले आसमान
देव दिवाली के दिन एक दीया अपने घर के आंगन में खुले आसमान के नीचे जरुर जलाये। ऐसा करने से आपको वायुदेवता का आशीर्वाद मिलता है।
महादेव
देव दिवाली के दिन एक दीया महादेव के नाम से जरुर जलाएं।
मुख्यद्वार
देव दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार पर एक चौमुखा तेल का दीया जलाएं। ऐसा करने से आपके घर में मां लक्ष्मी जी का आगमन होता है और नकारात्मक ऊर्जा आपके घर से बाहर चली जाती है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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