Dev Uthani Ekadashi 2021 : भगवान विष्णु सृष्टि का कार्यभार संभालेंगे, तुलसी विवाह के साथ अब शुरु होंगे मांगलिक कार्य

Dev Uthani Ekadashi 2021 : हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि के दिन ही तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी मनायी जाती है। देवउठनी एकादशी 14 नवंबर 2021 यानि आज (रविवार) को है। इस दिन सुख और समृद्धि के लिए भगवान विष्णु की आराधना की जाती हैं। देवउठनी एकादशी के दिन लोग व्रत-उपवास भी करते हैं। वहीं शास्त्रों की मानें तो देवउठनी एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन को शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिहाज से बेहद शुभ माना गया है। उत्तर भारत के प्रदेशों में लोग देवउठनी एकादशी के दिन अपने घरों में तुलसी विवाह भी करते हैं।
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देवउठनी वहीं पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि आज 14 नवंबर को प्रारंभ होगी औरर 15 नवंबर तक रहेगी। वहीं कुछ लोग 14 नवंबर को और कुछ 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाएंगे। देवउठनी एकादशी तिथि को लेकर इस बार कुछ मतभेद भी हैं, कुछ पंचांग में 14 नवंबर को और कई पंचांगों में 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी मानी गई है। वहीं सूर्योदय व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखकर पंडितों ने इस बार देवउठनी एकादशी को 15 नवंबर को ही मनाए जाने का उल्लेख किया है।
मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन से अब एक बार फिर पूरी सृष्टि का कार्यभार भगवान विष्णु संभाल लेंगे और शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चार महीने बाद भगवान विष्णु योग निद्रा से उठते हैं। इस तिथि से ही मांगलिक कार्यों प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। इस दिन से शुभ या मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधि-विधान के साथ तुलसी विवाह कराने वालों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा रहती है। मान्यता है कि तुलसी विवाह करने से कन्यादान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह कराने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। महिलाएं सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत-पूजन करती हैं।
देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ | 14 नवंबर 2021: सुबह 05:48 मिनट से |
एकादशी तिथि समाप्त | 15 नवंबर 2021: सुबह 06:39 मिनट पर |
चातुर्मास मास होगा समाप्त
भविष्यवक्ता अनीष व्यास के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास समाप्त होगा। मान्यताओं के अनुसार चतुर्मास में भगवान विष्णु आराम करते हैं। इस वर्ष 20 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत हुई थीं। शास्त्रों के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।
देवउठनी एकादशी का महत्व
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि देवउठनी एकादशी तिथि से चातुर्मास अवधि खत्म हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु शयनी एकादशी को सो जाते हैं। वह इस दिन जागते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन जातक सुबह जल्द उठकर स्वस्छ वस्त्र पहनते हैं। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार विष्णुजी के अवतार भगवान श्रीकृष्ण ने एकादशी को देवी वृंदा (तुलसी) से शादी की थीं। इस साल तुलसी विवाह 14 नवंबर को मनाया जाएगा।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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