Dev Uthani Ekadashi 2022 : देवउठनी एकादशी पर शादी-विवाह होंगे या नहीं, जानें प्रसिद्ध ज्योतिषविदों की राय

Dev Uthani Ekadashi 2022 : देवउठनी एकादशी पर शादी-विवाह होंगे या नहीं, जानें प्रसिद्ध ज्योतिषविदों की राय
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Dev Uthani Ekadashi 2022 : शादी की बाट जोह रहे युवक-युवतियों को हर साल देवउठनी एकादशी का खास इंतजार रहता है। क्योंकि यह ऐसा दिन होता है, जिस दिन किसी भी लग्न में बिना मुहूर्त देखे ही शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्य संपन्न कराए जा सकते हैं।

Dev Uthani Ekadashi 2022 : शादी की बाट जोह रहे युवक-युवतियों को हर साल देवउठनी एकादशी का खास इंतजार रहता है। क्योंकि यह ऐसा दिन होता है, जिस दिन किसी भी लग्न में बिना मुहूर्त देखे ही शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्य संपन्न कराए जा सकते हैं। हर साल देवउठनी एकादशी के दिन भारी संख्या में शादी-विवाह समेत अनेक प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है, लेकिन कुछ ज्योतिषविदों का मानना है कि, इस बार देवउठनी एकादशी के दिन कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है। इस बार शुभ मुहूर्त में केवल तुलसी विवाह ही संपन्न कराए जा सकते हैं और वहीं कुछ ज्योतिषविदों का मानना है कि, देवउठनी एकादशी पर शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य संपन्न कराएं जा सकते हैं। तो आइए जानते हैं देवउठनी एकादशी शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर ज्योतिषविदों की क्या राय है।

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, 04 नवंबर 2022 को देवउठनी एकादशी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी, लेकिन देवउठनी एकादशी का दिन सूर्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को संपन्न कराने के लिहाज से उचित नहीं है। वहीं शादी-विवाह के लिहाज से शुक्र ग्रह का भी विचार किया जाता है और शुक्र ग्रह इस दौरान अस्त चल रहे हैं, जोकि 23 नवंबर 2022 तक अस्त ही रहेंगे। इसीलिए सूर्य और शुक्र ग्रह के कारण विवाह आदि मांगलिक कार्य इस दौरान संपन्न नहीं कराए जा सकते हैं।

वहीं श्रीराम कथा वाचक पंडित उमाशंकर की मानें तो इस बार देवउठनी एकादशी के दिन प्रतिवर्ष ढाई घड़ी का अबूझ मुहूर्त होता है, जिसमें भारी संख्या में शादी-विवाह संपन्न कराए जाते हैं और इस बार भी देवउठनी एकादशी के दिन भारी संख्या में शादी-विवाह संपन्न कराएं जाएंगे।

वहीं प्रसिद्ध भागवत कथा व्यास अर्जुन पंडित की मानें तो देवउठनी एकादशी के दिन किसी भी प्रकार का कोई मुहूर्त देखने की आवश्यकता ही नहीं होती और ना ही देवउठनी एकादशी के दिन सूर्य-चंद्र और गुरू-शुक्र आदि की स्थिति पर विचार किया जाता है। यह दिन अबूझ मुहूर्त होता है और इस दिन भारी संख्या में शादी-विवाह संपन्न कराए जा सकते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

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