इस जड़ी को जेब में रखने से दिख जाते हैं देवी-देवता, आप कर सकते हैं उनसे बातें

शास्त्रों के अनुसार, हमारे देश में ऐसी-ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति देवी-देवताओं को बड़ी आसानी से देख सकता है। अपने आसपास में जो भी ग्रेविटी (gravity) है, ऊर्जा है, शक्ति है उनका अनुभव कर सकते हैं। प्राचीन ग्रंथ काकचंण्डीश्वरकल्पतंत्रम् (Kakchandishvarkalptantram) में कुछ ऐसी ही बातों को जिक्र किया गया है। काकचंण्डीश्वरकल्पतंत्रम् में भगवान शंकर जी (Lord Shankar Ji) ने माता पार्वती (Mata Parvati) को इस बारे में बताया था। काकचंण्डीश्वरकल्पतंत्रम् में भगवान शंकर जी ने माता पार्वती को एक श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि-
रसायनं प्रवक्ष्यामि यत्सुरैरापि दुर्लभम्।
उच्चटेत्योषधी काचिज्यते पृथिवीतले।।
अर्थात भगवान शंकर माता पार्वती से कहते हैं कि हे पार्वती! मैं आपसे देवताओं को भी दुर्लभ रसायन का उपदेश कर रहा हूं, उच्चटा नाम की कोई औषधि पृथ्वी में होती है।
काकचंण्डीश्वरकल्पतंत्रम् ग्रंथ में भगवान शंकर ने इस औषधि के रुप रंग और आकार के बारे में भी बताया है।
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इस औषधि का गुण है कि इसके प्रभाव से कोई भी मनुष्य देवी-देवताओं को बहुत ही आसानी से देख सकता है। और देवी -देवताओं को देखने या बात करने के लिए व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कोई जप, तप करने की जरुरत नहीं है। तथा बिना किसी प्रयास के ही मनुष्य देवी-देवताओं के दर्शन कर सकता है।
काकचंण्डीश्वरकल्पतंत्रम् ग्रंथ के अनुसार, उच्चटा नाम के इस पौधे पर बैठकर (आसीन) होकर मनुष्य अंतरिक्ष की (अगोचर वस्तु) ना दिखाई देने वाली वस्तुओं के दर्शन भी आसानी से कर सकता है।
संसार में ऐसा कोई देवी-देवता नहीं जोकि इसके प्रभाव से बच जाए, जो भी व्यक्ति इस दुर्लभ औषधि के बारे में जानता है, वह सभी देवी-देवताओं को अपने वश में कर सकता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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