Kanwar Yatra 2023: इस कांवड़ की लंबाई और वजन जानकर हो जाएंगे दंग, पढ़ें कारण

Kanwar Yatra 2023: इस कांवड़ की लंबाई और वजन जानकर हो जाएंगे दंग, पढ़ें कारण
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Kawad Yatra 2023: पटना सिटी से देवघर के लिए कांवड़ियों ने एक अनोखी कांवड़ यात्रा निकाली है। ये कांवड़ 54 फीट लंबी और 5 क्विंटल वजनी है। तो आइये इस कांवड़ के विशेषताओं के बारे में जानते हैं।

Kawad Yatra 2023: कहा गया है कि आस्था को किसी प्रमाण देने की जरुरत नहीं पड़ती है। अगर आपको कभी आस्था पर संदेह होने लगे तो आप सावन के महीने में बाबा बैद्यनाथ पहुंच जाएं। सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो चुका है। देवघर में बाबा भोलेनाथ के भक्तों की भीड़ लग रही है। सभी भक्त बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने धीरे-धीरे पहुंच रहे हैं। देवघर के शिवलिंग को मनोकामना लिंग भी कहते हैं। सभी श्रद्धालु अपनी-अपनी मनोकामना लेकर सुल्तानगंज से जल भरकर 105 किमी पैदल यात्रा करते हुए बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंच रहे हैं। इन दिनों यात्रा में कई तरह की अनोखी कांवड़ देखने को मिल रही हैं। आज हम 54 फीट की लंबी कांवड़ यात्रा के बारे में बताने जा रहे हैं।

पटना सिटी चौक शिकारपुर स्थित दुर्गा मंदिर से कावड़िया संघ ने यह कांवड़ यात्रा शुरू की है। 54 फीट लंबी इस कांवड़ यात्रा में करीब 300 भक्त शामिल हैं, जिसमें 50 महिला भी हैं। बता दें कि यह जत्था पिछले रविवार को सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर के लिए रवाना हुआ था। बता दें कि यह जत्था बुधवार की अहले सुबह करीब साढ़े तीन बजे देवघर पहुंचा है।

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54 फीट का कांवड़ 54 फीट का गठबंधन

मिली जानकारी के मुताबिक, यह कांवड़ यात्रा 2007 से ही चला आ रहा है। इस यात्रा में कांवड़ की लंबाई करीब 54 फीट होती है, जो भक्त सुल्तानगंज से देवघर तक पैदल यात्रा करके पहुंचते हैं। अगर कांवड़ के वजन की बात करें तो करीब 5 क्विंटल है। इस कांवड़ को उठाने में एक साथ 9 लोग लगते हैं। कहा जाता है कि जब भक्त कांवड़ लेकर चलते हैं, तो यह संकल्प लेकर चलते हैं कि 54 फीट का कांवड़ 54 घंटे में बाबा के धाम पहुंच जाना है। अब लोगों के मन में ये सवाल जरूर उठता होगा कि आखिरकार 54 फीट का ही क्यों कांवड़ लेते हैं और 54 घंटे में ही क्यों पहुंचते हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

होती है सारी मनोकामना पूर्ण

ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती का गठबंधन 54 फीट का होता है और उनके बीच की दूरी भी 54 फीट ही है। इसलिए कांवड़ियां 54 फीट का कांवड़ यात्रा निकालते हैं। भक्तों से बातचीत से पता चला है कि जो भी भक्त रास्ते में इस कांवड़ को कंधा देते हैं, उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इसलिए रास्ते में कांवड़ को कंधा देने के लिए भक्तों में होड़ मची होती है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक इस कांवड़ में कंधा देते हैं, उन्हें जल्द ही नौकरी लग जाती है। इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि भी आती है। भगवान शिव का आशीर्वाद भी हमेशा बना रहता है।

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Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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