Devotthan Ekadashi 2020: देवोत्थान एकादशी पर इस लोकगीत को गाकर भगवान विष्णु को जगाएं

Devotthan Ekadashi 2020: देवोत्थान एकादशी पर इस लोकगीत को गाकर भगवान विष्णु को जगाएं
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Devotthan Ekadashi 2020: कार्तिक मास में देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु चार माह के बाद योगनिन्द्रा से जागते है।

Devotthan Ekadashi 2020: कार्तिक मास में देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु चार माह के बाद योगनिन्द्रा से जागते है। इस दौरान लोग अपने-अपने घरों और मंदिरों आदि में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करके उनका स्वागत करते हैं। और भगवान विष्णु के योगनिन्द्रा से जागने के बाद ही हिन्दू धर्म में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है। तो आइए आप भी जानें देव उठनी एकादशी के दिन किस लोकगीत को गाकर भगवान विष्णु का स्वागत किया जाता है।


देवोत्थान एकादशी का लोकगीत

उठो देव, जागो देव

देव उठेंगे कार्तिक मास, कार्तिक मास,

नई है टोकरी नई है कपास, नई है कपास

जारे मूसे दाव कटाए, दाव कटाए

दाव कटाए जब जेबरी बटाए, जेबरी बटाए

जेबरी बटाए जब खाट बुनाए, खाट बुनाए

खाट बुनाए जब बामन देयो, बामन देयो

बामन देयो गोरी गाय, गोरी गाय

माय पूजे धीए खिलाए

वा को पुन्य अखंड जाए

भाभी पूजे नंदुल खिलाए

या को पुन्य महाफल होए

भुडभुडइया को आयो ताज

राज करें आशीष को बाप

भुडभुडइया को आयो ताज

राज करें अजीत को बाप

ओरे कोरे धरे चपेटा, धरे चपेटा

गुलाबो राज करें तेरे ही बेटा, तेरे ही बेटा

ओरे कोरे धरे मजीरा, धरे मजीरा

ये हैं बहनो तुम्हारे ही बीरा, तुम्हारे ही बीरा

उठे देव, जगे देव,

देव उठ गए कार्तिक मास।

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