Devoutni Gyaras 2020: जानिए भगवान विष्णु ने किसलिए किया था वृंदा का सतीत्व भंग

Devoutni Gyaras 2020: जानिए भगवान विष्णु ने किसलिए किया था वृंदा का सतीत्व भंग
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Devoutni Gyaras 2020: दीपावली पूजन के 11 दिन बाद देवउठनी ग्यारस का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। गृहस्थी लोग घरों में देवों की पूजा-अर्चना कर उन्हें नींद से जगाते हैं।

Devoutni Gyaras 2020: दीपावली पूजन के 11 दिन बाद देवउठनी ग्यारस का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। गृहस्थी लोग घरों में देवों की पूजा-अर्चना कर उन्हें नींद से जगाते हैं। ये पर्व 25 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा। और इसके लिए घर-घर में व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। तो आइए जानते हैं कि क्यों मनाते हैं देवउठनी ग्यारस।

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एकादशी पूजन के लिए बाजार में गन्ना, सिंघाड़े आदि आसानी से ही उपलब्ध हो जाते हैं। और देवउठनी ग्यारस के दिन तुलसी विवाह के बाद शादी-समारोह शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस बार शुभ लग्न ना होने की वजह से शादी-समारोह 25 नवंबर के बाद ही शुरू हो पाएंगे।

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भगवान विष्णु और जलंधर के बीच युद्ध हुआ था। जलंधर की पत्नी तुलसी (वृंदा) पतिव्रता स्त्री थी। और उसके कारण भगवान विष्णु जलंधर को पराजित नहीं कर पा रहे थे।

जलंधर को पराजित करने के लिए भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण करके वृंदा यानि तुलसी का सतीत्व भंग करने पहुंच गए। और तुलसी का सतीत्व भंग होते ही भगवान विष्णु जलंधर को युद्ध में पराजित कर देते हैं।

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और युद्ध में जलंधर मारा जाता है। और इसके बाद भगवान विष्णु तुलसी को वरदान देते हैं कि वे उनके साथ पूजी जाएंगी।

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