Devshayani Ekadashi 2021 : देवशयनी एकादशी आज, ऐसे करें भगवान श्रीहरि की पूजा

Devshayani Ekadashi 2021 : देवशयनी एकादशी आज, ऐसे करें भगवान श्रीहरि की पूजा
X

Devshayani Ekadashi 2021 : आज देवशयनी एकादशी का पावन पर्व है, देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी का बहुत विशेष महत्व होता है। क्योंकि इस एकादशी के बाद भगवान विष्णु चार मास के लिए शयन करने चले जाते हैं। तो आइए जानते है देवशयनी एकादशी की पूजा विधि के बारे में...

ये भी पढ़ें : भगवान शिव सोमवार के दिन ये उपाय करने से होते हैं प्रसन्न, कर देते हैं मालामाल

देवशयनी एकदशी पूजा विधि

देवशयनी एकादशी व्रत के नियम दशमी तिथि से शुरू हो जाते हैं। दशमी के दिन रात्री को लोग स्वातिक भोजन करते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठना चाहिए।

इसके बाद स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और व्रत का सकल्प लेना चाहिए। एक चौकी लेकर उस पर गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु को पीले फूल, पीले वस्त्र, ताम्रबूल आदि अर्पित करने चाहिए।

सभी चीजें भगवान विष्णु को अर्पित करने के बाद विधि विधान से पूजा करें। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप और विष्णुसहस्त्र का पाठ करना चाहिए। पूजन सामग्री पूरी करने के बाद भगवान विष्णु की धूप दीप से आरती करनी चाहिए और इसके बाद पूरे दिन उपवास करें और रात्रि में भगवान विष्णु का भजन कीर्तिन करें।

देवशयनी एकादशी के दूसरे दिन यानी द्वादशी के दिन व्रत का पारण करना चाहिए। व्रत की पूरी विधि करने के बाद अंत किसी निर्धन या ब्राह्मण को दान अवश्य देना चाहिए।

वहीं जो लोग किसी कारण एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें एकादशी के दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा झूठ एवं परनिंदा से बचना चाहिए। जो व्यक्ति एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करता है, उस व्यक्ति के ऊपर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। तथा ऐसा व्यक्ति संसार के सभी सुखों को भोगकर अंत में विष्णु लोक को प्राप्त होता है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

Tags

Next Story