Dhanteras 2020: जानिए धनतेरस पर सोना, चांदी खरीदना आपकी सामर्थ्य से बाहर है तो आप क्या खरीदें

Dhanteras 2020: जानिए धनतेरस पर सोना, चांदी खरीदना आपकी सामर्थ्य से बाहर है तो आप क्या खरीदें
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Dhanteras 2020: धनतेरस के पर्व पर कोई ना कोई नई चीज खरीदने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। और धनतेरस के दिन लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ ना कुछ जरुर खरीदते हैं।

Dhanteras 2020: धनतेरस के पर्व पर कोई ना कोई नई चीज खरीदने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। और धनतेरस के दिन लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ ना कुछ जरुर खरीदते हैं। ऐसी मान्यता है कि धनतरेस पर्व के दिन कुछ नई चीज खरीदने से घर में वर्षभर सुख, समृद्धि बनी रहती है। और धन, संपत्ति में वृद्धि होती है। धनतेरस के पर्व पर लोग मुख्यरूप से सोना-चांदी खरीदने को महत्व दिया जाता है। चाहे वह आभूषण के रुप में हो या सिक्के के रुप में हो। असल में सोना-चांदी आदि ये कीमती धातुएं सुरक्षित भविष्य के रूप में मानी जाती हैं। तो आइए जानते हैं इन धातुओं के बारे में।

धनतेरस के दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। क्योंकि सोना को सबसे शुभ और श्रेष्ठ धातु माना जाता है। सोना एक तरह से जीवन में सुरक्षित निवेश का काम करता है। वैसे तो सोना का स्वभाव चंचल माना जाता है। जो लोग सोना नहीं खरीद सकते वे लोग चांदी खरीद सकते हैं। चांदी को निर्मल, शांत, शीतलऔर पवित्र धातु माना गया है। माना जाता है कि चांदी का सिक्का या कोई भी चीज खरीदने से घर में सुख-संपदा आती है। व यश, कीर्ति तथा ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। तथा जो लोग धनतेरस के दिन चांदी भी नहीं खरीद सकते वो लोग पीतल की वस्तुएं खरीद सकते हैं। पीतल घर में शुभता लेकर आती है।

कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय जो अमृत कलश निकला था वह कलश पीतल का ही था। जो लोग पीतल भी नहीं खरीद सकते हैं उनके लिए तांबे की बनी हुई शुभ रहता है। तांबा जीवन में स्वस्थ और निरोगी काया बनाए रखने की धातु माना जाता है। अगर आपके वश में तांबे की चीजें खरीदना भी संभव ना हो तो आप कांस्य यानि कांसे की बनी हुई चीज भी खरीद सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि कांसे के बर्तन में पानी पीने से अथवा खाना खाने से बुद्धि तीव्र होती है। रक्त विकार दूर होते हैं। और स्वास्थ्य में निखार आता है। तथा व्यक्ति तरह-तरह की बीमारियों से दूर रहता है।

कुछ धातुएं ऐसी होती हैं जो इन सब धातुओं (सोना, चांदी, तांबा, पीतल, कांसा) आदि से मंहगी तो नहीं है लेकिन इन सब बहूमुल्य धातुओं की जनक जरुर होती है। वह धातु है मिट्टी। जीवनदायनी मिट्टी इंसान के पैदा होने से मृत्यु पर्यन्त तक हर समय व्यक्ति ही नहीं सभी चल-अचल, जीव-जन्तुओं को जीवन देती है। मिट्टी का आंचल सोना, चांदी, तांबा, पीतल आदि अनेक बेशकीमती धातुओं से भरा हुआ है। इसलिए इस धनतेरस पर्व पर मिट्टी को भी महत्व दिया जाए तो जीवन में शुभता, सफलता, यश, वैभव, कीर्ति, प्रगति, और सुख-संपत्ति और भी बढ़ जाएगी।

कहा जा सकता है कि प्रत्येक वर्ष धनतेरस-दिवाली पर हम लोग मिट्टी के दीये खरीदते हैं। इसके अलावा मिट्टी की गुल्लक या छोटी सी दुकान आदि भी खरीदी जाती है लेकिन दिवाली के अगले दिन दीयों को फेंक दिया जाता है या छत आदि पर रख दिया जाता है। कोई विशेष या बड़ा दीया अगली दिवाली के लिए स्टोर अथवा संभालकर रख दिया जाता है। तो इस बार धनतेरस पर आप सोना-चांदी आदि कुछ भी खरीदें लेकिन एक मिट्टी की छोटी सी मृर्ति खरीदना ना भूलें। इसे दीपावली की पूजा में शामिल करने के बाद इसे स्टोर में नहीं बल्कि पूजाघर में रखें। ताकि रोज इसकी पूजा होती रहे। अगर आसपास मिट्टी की मृर्ति उपलब्ध नहीं है तो मूर्ति खुद बना लें। जैसी भी मूर्ति आपसे बने वैसी ही बनाकर दीपावली की पूजा में उसे शामिल करें। किसी भी भगवान के स्वरूप की बनाएं, और उसके आकार की चिन्ता ना करें। आप जो भी आकार उस मूर्ति को देंगे, वहीं आकार उस निराकार परमपिता परमात्मा का हो जाएगा। अगर आपसे यह भी संभव नहीं हो तो आप गोल सिक्के के रूप में मिट्टी का सिक्का बनाकर उसे दीपावली के पूजा और पूजा के बाद में अपने पूजाघर में स्थान दें। अगर आप ऐसा करते हैं तो यकीनन आपका भाग्य चमकने व किस्मत बदलने में वक्त नहीं लगेगा।

शायद आपको पता होगा कि बंगाल में मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए वैश्यालय से मिट्टी लाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिस मंदिर में मूर्ति स्थापित की जानी होती है उस मंदिर का पुजारी वैश्या के द्वार पर जाकर मिट्टी देने का अनुरोध करता है। फिर उस मिट्टी को लाकर गंगाजल और मंत्रोच्चारण से सिद्ध किया जाता है। और वहां मूर्ति बनाने वाले कारीगर भी वैश्यालय के आंगन से मिट्टी लाते हैं। मान्यता है कि प्राचीनकाल में अपनी एक भक्त वैश्या का वचन दिया गया था कि हर वर्ष दशहरे पर तुम्हारे आंगन की मिट्टी से ही मेरी मूर्ति का निर्माण आरंभ होना अनिवार्य होगा। अन्यथा मेरी पूजा सफल नहीं मानी जाएगी। तो इसलिए धनतेरस पर आप सोना, चांदी, तांबा, पीतल आदि की खरीद के अलावा आप बेशकीमती और बहुमूल्य मिट्टी से अपने भाग्य को चमका सकते हैं।

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