Dhanteras 2021: 19 साल बाद त्रिपुष्कर योग में मनाई जाएगी धनतेरस, जानें इसकी ये विशेष बातें

- धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग के साथ उत्तरा फाल्गुनी और हस्त्र नक्षत्र का संयोग
- इस बार धनतेरस पर निवेश का तीन गुना फल देने वाला त्रिपुष्कर योग बन रहा है।
Dhanteras 2021: खरीदी का महामुहूर्त धनतेरस 02 नवंबर को है। इस बार धनतेरस पर निवेश का तीन गुना फल देने वाला त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इस योग में सोना--चांदी भूमि भवन में निवेश करना लाभदायक होगा। धनतेरस का त्योहार दीपावली की शुरूआत माना जाता है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी का पूजन किया जाता है। इस साल धनतेरस का त्योहार मंगलवार 02 नवंबर को मनाया जाएगा। नाम के अनुरूप धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से दीपावली के पांच दिन के उत्सव की शुरूआत मानी जाती है। हिंदू धर्म में धनतेरस का दिन खरीदारी करने के लिए साल भर में सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दिन झाडू, बर्तन, गहना, सोना-चांदी आदि खरीदने का रिवाज है।
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त्रिपुष्कर योग
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस के दिन बेहद शुभ समझा जाने वाले त्रिपुष्कर योग योग बन रहा है। इस योग में खरीदारी करने वालों का निश्चित तौर पर भाग्योदय होगा। यह शुभ योग मंगलवार और द्वादशी तिथि के संयोग से बनता है। हालांकि द्वादशी तिथि 1 नवंबर से प्रारंभ होकर 2 नवंबर को सुबह 11.30 बजे तक ही रहेगी। इसलिए त्रिपुष्कर योग का लाभ मंगलवार, 2 नवंबर को सूर्योदय से लेकर सुबह साढ़े 11 बजे तक ही उठाया जा सकता है। त्रिपुष्कर योग में खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। इस शुभ घड़ी में खरीदारी करने का लाभ तीन गुना तक बढ़ता है। उदाहरण के तौर पर, यदि त्रिपुष्कर योग में आप घर, वाहन या गहने खरीदते हैं तो भविष्य में इनके तीन गुना बढ़ने की संभावनाएं अधिक होती हैं। इस अवधि में आप मनमुताबिक चीजें खरीदकर घर ला सकते हैं।
लाभ अमृत योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस पर दूसरा शुभ योग लाभ अमृत योग है। बाजार से नई चीजों की खरीदारी के लिए लाभ अमृत योग को उत्तम माना जाता है। धनतेरस पर सुबह साढ़े 10 बजे से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक लाभ अमृत रहेगा। त्रिपुष्कर योग और लाभ अमृत योग की अवधि को जोड़ लिया जाए तो धनतेरस पर सूर्योदय से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक खरीदारी करना शुभ रहेगा।
भौम प्रदोष व्रत
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मंगलवार, 2 नवंबर को भौम प्रदोष व्रत व्रत भी पड़ रहा है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भौम प्रदोष व्रत और धनतेरस के संयोग में कुछ चीजों की खरीदारी के ज्यादा सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इस दिन घर, दुकान, जमीन या लैंड एंड प्रॉपर्टी के क्षेत्र में निवेश करने से बड़ा लाभ मिलता है।
पूजन का शुभ मुहूर्त
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग के अनुसार धनतेरस का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसके दो दिन बाद कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस साल त्रयोदशी तिथि 02 नवंबर को सुबह 11:31 मिनट से शुरू होकर 03 नवंबर को सुबह 09 :02 मिनट तक रहेगी। इस साल धनतेरस का पूजन 02 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल शाम 05:35 से 08:14 तक तथा वृषभ काल शाम 06:18 से 08:14 तक रहेगा। धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त प्रदोष काल में जलाया जाना चाहिए।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस के दिन को हिंदू धर्म में खरीदारी करने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोना-चांदी, आभूषण, झाडू और खड़ा धनिया खरीदना शुभ माना जाता है। इस साल धनतेरस के दिन खरीदारी करने के शुभ मुहुर्त ये हैं
अभिजीत मुहूर्त– सुबह 11:42 से 12:26 तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:05 से 05:29 तक
प्रदोष काल- शाम 05:35 से 08:14 तक
वृषभ काल– शाम 06:18 से 08:14: तक
मीन राशि का स्वामी ग्रह गुरु है। मीन राशि के जातक धनतेरस वाले दिन चांदी के बर्तन या आभूषण खरीदें। चांदी मीन राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ मानी गयी है। धनतेरस पर आपको चांदी के आभूषण या चांदी के सिक्के खरीदने से शुभ फल प्राप्त होगा और कुबेर देवता कि कृपा आप पर बनी रहेगी।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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