Diwali 2021 : 677 साल बाद 28 अक्टूबर को बन रहा गुरु- पुष्य नक्षत्र में खरीदारी का महायोग

Diwali 2021 : 677 साल बाद  28 अक्टूबर को बन रहा गुरु- पुष्य नक्षत्र में खरीदारी का महायोग
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  • जानें, गुरु और शनि का योग कैसे बना रहा शुभ संयोग
  • जानें, धनतेरस- दीपावली से पहले 28 अक्तूबर को खरीदारी का महामुहूर्त

Diwali 2021: गुरुवार, 28 अक्टूबर को पूरे दिन और रात पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन गुरुवार होने से इसे गुरु पुष्य योग बन रहा है। इस पूरे दिन में अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इस बार 677 साल बाद गुरु पुष्य नक्षत्र पर गुरु और शनि का दुर्लभ योग बना है। परन्तु इस बार आप धनतेरस और दीपावली से पहले खरीदारी कर सकते हैं वो भी शुभ मुहूर्त में। यह महामुहूर्त आएगा 28 अक्टूबर को। यह नक्षत्रों के राजा गुरु पुष्य नक्षत्र है जो आपके लिए यह अवसर लाये हैं। इस वर्ष स्वर्ण आभूषण, भूमि-भवन के साथ चल-अचल संपत्ति की खरीदी के लिए गुरु पुष्य नक्षत्र 25 घंटे 57 मिनट रहेगा। इस साल गुरु-पुष्य को साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग और भी खास बना रहा है। इस दिन सोना-चांदी और भूमि-भवन की खरीदारी विशेष लाभदायक मानी गई है।

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ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना हो या फिर शुभ खरीदारी करनी हो उसके लिए शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी चीजें या किसी नए कार्य का शुभारंभ करने पर उसमें सफलता अवश्य मिलती है। हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व होता है। कई त्योहारों में नई चीजों की खरीदारी जरूर की जाती है जैसे कि नवरात्रि, दशहरा, धनतेरस और दिवाली आदि में तो बढ़ चढ़कर बाजारों से खरीदारी की जाती है। दीपावली से पहले कार्तिक कृष्ण पक्ष को आने वाले पुष्य नक्षत्र में नई वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदी गई वस्तुएं शुभफल देने वाली होती हैं। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं। शनिवार को या शनि के नक्षत्र में जो भी काम किया जाता है। ऐसी मान्यता है। वह लंबे समय तक चलता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष स्वर्ण आभूषण, भूमि-भवन के साथ चल-अचल संपत्ति की खरीदी के लिए गुरु पुष्य नक्षत्र 25 घंटे 57 मिनिट रहेगा। इस साल गुरु-पुष्य को साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग और भी खास बना रहा है। मान्यता है कि इन शुभ मुहूर्तों में खरीदी गई वस्तु सुख दायक होती है। विशेष योग संयोग में गहने, वाहनों और नई प्रॉपर्टी की खरीद या फ्लैट बुक कराना फायदेमंद रहेगा। साथ ही इस दिन नए कामों की शुरुआत करना भी सफलतादायक रहेगा।

28 अक्तूबर- गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र बहुत ही शुभ और फलदायी माने जाते हैं जिसमें से गुरु-पुष्य नक्षत्र बहुत खास होता है। 28 अक्तूबर को पूरे दिन और रात के समय पुष्य नक्षत्र रहेगा। जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है इसे गुरु-पुष्य नक्षत्र कहा जाता है। ऐसा शुभ संयोग साल में एक से दो बार ही बनता है। गुरु पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा 28 अक्तूबर को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग भी रहेगा।

677 साल बाद गुरु-शनि का दुर्लभ योग

कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि इस साल गुरु और शनि, शनि के स्वामित्व वाली मकर राशि में एक साथ स्थित हैं। दोनों ग्रह मार्गी रहेंगे और इन ग्रहों पर चंद्र की दृष्टि भी होगी। जिससे गजकेसरी योग भी बनेगा। चंद्र धन का कारक ग्रह है, और यह योग सभी प्रकार से मंगलकारी होगा। 677 साल पहले 5 नवंबर 1344 को भी गुरु-शनि की युति मकर राशि में थी और गुरु पुष्य योग बना था।

दान-पुण्य करें जरूर

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि पुष्य नक्षत्र पर खरीदारी के साथ ही दान-पुण्य भी जरूर करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को नए वस्त्र, अनाज, जूते-चप्पल और धन का दान करना चाहिए। किसी गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। इस दिन किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें। शिव जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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