Diwali 2021: पंचदिवसीय दीपोत्सव पर्व आज से शुरु, जानें किस दिन मनाया जाएगा धनतेरस, रुपचौदस, दिवाली, गोवर्धन और भाईदूज का त्योहार

Diwali 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आज 02 नवंबर यानि धनतेरस के दिन से दिवाली के पंचपर्व यानि दीपोत्सव की शुरुआत हो रहीं है और महालक्ष्मी पूजन का ये पंचपर्व यानि दीपोत्सव त्रिपुष्कर योग में शुरू हो रहा है। पांच दिन तक चलने वाला दीपोत्सव धनतेरस यानि 02 नवंबर से 06 नवंबर भाई दूज तक चलेगा। आज धनतेरस यानि पहले दिन पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनाध्यक्ष कुबेर के पूजन से शुरू होकर मृत्यु के देवता यमराज के लिए दीपदान तक चलेगा। हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि पर भगवान श्री राम 14 वर्षों का वनवास काटकर और लंका पर विजय करने के बाद अयोध्या लौटे थे। जिसकी खुशी में सारे अयोध्यावासी इस दिन पूरे नगर को अपने राजा प्रभु राम के स्वागत में दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इसी कारण से तब से ये परंपरा चली आ रही है। दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व भी होता है। इस दिन शाम और रात के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा की जाती है। धनतेरस दीपावली का पहला दिन माना जाता है। इसके बाद नरक चतुर्दशी फिर दीपावली, गोवर्धन पूजा और आखिरी में भैयादूज का त्योहार मनाया जाता है।
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पंचपर्व दीपोत्सव की तिथियां
धनतेरस का पर्व आज मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि मंगलवार सुबह 11:31 से शुरू होगी और बुधवार सुबह 09:03 तक रहेगी। त्रिपुष्कर योग सूर्योदय से लेकर सुबह 11:31 बजे तक रहेगा। रूप चतुर्दशी का पर्व 03 नवंबर बुधवार को सर्वार्थसिद्धि योग मनाया जाएगा। 04 नवंबर को दीपावली, 05 को गोवर्धन पूजा के साथ देवी अन्नपूर्णा की पूजा और अन्नकूट महोत्सव भी रहेगा। वहीं 06 नवंबर को विशेष योगों के बीच भाई दूज पर्व मनाया जाएगा।
दीपदान की होगी शुरुआत
धनतेरस जिसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं पांच दिवसीय दीपावली का पहला दिन होता है। धनतेरस के दिन से दिवाली का त्योहार प्रारंभ हो जाता है। मान्यता है इस तिथि पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हो हुए थे। इसी कारण से हर वर्ष धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति धनतेरस के दिन सोने-चांदी, बर्तन, जमीन-जायजाद की शुभ खरीदारी करता है उसमें तेरह गुना की बढ़ोत्तरी होती है। चिकित्सक अमृतधारी भगवान धन्वन्तरि की पूजा करेंगे। इसी दिन से देवता यमराज के लिए दीपदान से दीप जलाने की शुरुआत होगी और पांच दिनों तक जलाए जाएंगे। लोकाचार में इस दिन खरीदे गए सोने या चांदी के धातुमय पात्र अक्षय सुख देते हैं। लोग नए बर्तन या दूसरे नए सामान खरीदेंगे।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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