Diwali Special Story: भगवान श्री राम के अलावा दीपावली से जुड़ी हैं ये मान्यताएं, जानें पौराणिक कहानियां

Diwali Special Story: दीपावली का पर्व भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली का पर्व वास्तव में रौनक, पकवान, मुस्कुराहट, खुशियां, साफ सफाई, रंगोली और दीये का प्रतीक है। दीपोत्सव पर्व का वर्णन प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। दीपावली पर्व से जुड़ी कहानियां शास्त्र, ग्रंथ, पुराणों के पन्नों पर एक विशेष स्थान रखती हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध मान्यता भगवान राम के अयोध्या लौटने पर अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से यह त्योहार मनाया जा रहा है। आज हम आपको कई ऐसी कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। पढ़ें पर्व से जुड़ी अद्भूत कहानियां...
श्रीराम के वनवास से लौटने की खुशी
भगवान राम से जुड़ी इस कहानी को अधिकतर लोग जानते हैं। कहा जाता है कि जब कैकई ने मंथरा की बातों में आकर दशरथ से राम को वनवास भेजने का वचन मांग लिया। इसके बाद श्री राम को अयोध्या छोड़ वनवास जाना पड़ा था। 14 वर्षों के लम्बे समय के बाद जब भगवान राम लंकापति रावण का वध कर माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे तब नगरवासियों ने दीपक जलाकर उनका स्वागत किया। तभी से दीपावली मनाई जाती है।
पांडवों का वापस लौटना
महाभारत युग में कौरवों ने शकुनी मामा की मदद से शतरंज के खेल में पांडवों को छलपूर्वक हराकर उनका सबकुछ अपने कब्जे में कर लिया और उन्हें राज्य छोड़कर 13 वर्ष और 1 अज्ञातवास के लिए वनवास जाना पड़ा। कार्तिक अमावस्या के दिन पांडव अज्ञातवास पूरा करके अपने राज्य लौटे। उनके लौटने की दीपावली की खुशियां दोगुनी हो गईं।
मां लक्ष्मी का अवतार
हिंदी कैलंडर के अनुसार दीपावली पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन को लेकर कहा जाता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी जी ने अवतार लिया था। मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। इसलिए हर घर में दीप जलने के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा- अर्चना की जाती है।
राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक
राजा विक्रमादित्य प्राचीन भारत के आदर्श सम्राट थे। राजा विक्रमादित्य को उनकी उदारता, साहस के लिए जाना है। ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन सम्राट का राज्याभिषेक किया गया था।
नरकासुर वध
दीपावली पर श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। नरकासुर प्रागज्योतिषपुर का क्रूर राजा था। नरकासुर ने देवमाता अदिति (पुराणों के आधार पर वे महर्षि कश्यप की पहली पत्नी थी) की बालियां छीन ली। सत्यभामा ने श्रीकृष्ण की मदद से नरकासुर का वध किया था।
छठवें सिख गुरु की आजादी
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि सिख समुदाय के लिए भी बेहद ही खास है। अपने छठवें गुरु श्री हरगोविंद जी की याद में इस पर्व को मानते हैं। गुरु श्री हरगोविंद जी मुगल सम्राट जहांगीर की कैद में ग्वालियर जेल में बंद थे। जेल से मुक्त होने पर दीपक जलाकर खुशियां मनाई गईं।
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