Diwali Special Story: पीले चावल चढ़ाने से होती है सुख-समृद्धि की वृद्धि, जानें इस मंदिर की पौराणिक कहानी

Diwali Special Story: हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है। मां लक्ष्मी को धन की देवी भी कहा जाता है। लाखों भक्त नियमित रूप से माता की पूजा अर्चना करते हैं। दिवाली और धनतेरस के खास मौके पर माता लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है। इस वर्ष धनतेरस का पर्व 10 नवंबर और दीपावली का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा। इस पर्व के आने में मात्र कुछ दिन ही शेष बचे हैं। ऐसे मौके पर लोग माता लक्ष्मी के दर्शन के लिए माता के मंदिर जाते हैं। भारत देश अपनी विविधताओं और मान्यताओं के लिए जाना जाता है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर पीले चावल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
मंदिर का इतिहास
महालक्ष्मी माता का यह विशाल मंदिर इंदौर शहर में मौजूद है। मुख्य शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित माता का ये मंदिर पूरे मध्य प्रदेश के लिए बेहद ही खास है। इस मंदिर का इतिहास (Mahalakshmi Temple History) सदियों पुराना है। इस मंदिर के बारे में लोगों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण 1832 में इंदौर के राजा हरि राव होलकर ने करवाया था। इस मंदिर को लेकर एक अन्य कहानी प्रचलित है जिसके अनुसार कहा जाता है, कि करीब 1933 में इस मंदिर में आग लगने की वजह से मंदिर तहस-नहस हो गया था, जिसके बाद 1942 में दोबारा से मंदिर का निर्माण करवाया गया। ऐसा कहा जाता है कि दिवाली के खास मौके पर होलकर वंश के लोग माता के दर्शन और दिए जलाने मंदिर आते थे। इसके बाद राज्य का खजाना खोलकर आशीर्वाद लेते थे।
महालक्ष्मी मंदिर की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, दिवाली के खास अवसर पर मां लक्ष्मी के मंदिर में पीले चावल चढ़ाने से धन की वर्षा होती है। कई भक्त दिवाली पर माता को पीले चावल चढ़ाकर घर आने का निमंत्रण देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पीले चावल चढ़ाने से माता खुश होती हैं। वहीं कुछ लोगं का मानना है कि अक्षत चढ़ाने के बाद कुछ चावल के दानें को घर की तिजोरी में रखने से धन की वृद्धि होती है।
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