Diwali Special Story: दर्शन मात्र से होती है धन की वर्षा, जानें कैला मां की कथा

Diwali Special Story: हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। मुख्य रूप से माता लक्ष्मी की पूजा-आराधना धनतेरस और दीपावली पर की जाती है। इस अवसर पर दुनियाभर में लोग माता की आराधना करते हैं। दीपावली का पर्व प्रत्येक साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 12 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। वहीं, 10 नवंबर को धनतेरस या धनत्रयोदशी का त्योहार मनाया जाएगा। धनतेरस के खास अवसर पर कई लोग मां लक्ष्मी के मंदिरों में पूजा-अर्चना और दर्शन करने जाते हैं।
देश के अलग-अलग हिस्सों में देवी मां के कई ऐसे मंदिर स्थित हैं, जहां पर रोजाना लाखों भक्तों की भीड़ लगी रहती है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि धनतेरस के दिन इस मंदिर के दर्शन करने से भक्तों के ऊपर धन की बारिश होती है। यह मंदिर को कैला देवी के नाम से भी जाना जाता है। यह विशेष मंदिर राजस्थान के करौली जिला से लगभग 24 किमी की दूरी पर त्रिकूट पर्वत पर बसा हुआ है।
मंदिर का इतिहास
कैला देवी मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। इस मंदिर को लेकर कई लोगों का मानना है कि इसकी नींव महाराजा गोपाल सिंह ने रखी थी। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि इसका निर्माण काल 1723 से लेकर 1930 तक चला। कालीसिंध नदी तट पर बसा ये मंदिर पुराने समय से लेकर आज तक लोगों के बीच विशेष स्थान रखता है।
मंदिर को लेकर प्रचलित पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, कैला देवी भगवान कृष्ण की बहन हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब कृष्ण का जन्म हुआ तभी एक और लड़की का जन्म हुआ था, जो आगे चलकर कैला देवी के नाम से जानी गई।
लोककथा के अनुसार, कंस जब मात यशोदा की आठवीं संतान पुत्री को मारने के लिए जाता है, तब उस पुत्री से कैला देवी प्रकट होकर कंस से कहती है कि तुम्हारे काल यानी कृष्ण का जन्म हो चुका है। इस बात को कहने के बाद कैला देवी अंतर्ध्यान हो जाती है। मान्यता के अनुसार, कैला उस स्थान को छोड़कर राजस्थान के त्रिकूट पर्वत पर विराजमान हो गई।
क्यों लगती है भक्तों की भीड़
कैला देवी मंदिर राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लोकप्रिय है। यहां नवरात्रि, धनतेरस और दीपावली के मौके पर लाखों भक्तों की भीड़ लगती है। कैला देवी मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से माता के दर्शन करने आता है। उसकी सारी मुरादें पूरी होती हैं। इसके साथ ही यहां विशेष मेले का आयोजन भी किया जाता है।
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