शुक्रवार के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, होता है बड़ा नुकसान

- हिन्दू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है।
- शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
हिन्दू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है और शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ और व्रत आदि किए जाते हैं। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और घर में धन, वैभव और संपन्नता के लिए लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ भी किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शुक्रवार के दिन हमें अच्छे और शुभ कार्य करने चाहिए। तथा माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन दान-पुण्य करना चाहिए। श्रद्धाभाव से शुक्रवार को व्रत और उपवास करना चाहिए। माता लक्ष्मी वैसे तो चंचल चित वाली हैं, लेकिन इसके साथ ही वो बड़ी दयालु भी हैं। माता लक्ष्मी बहुत जल्दी ही हमसे प्रसन्न होती हैं और हमें सदा सुखी और संपन्न रहने का आशीर्वाद देती हैं। वहीं शुक्रवार के दिन अच्छे काम करने के अतिरिक्त कुछ ऐसे भी काम होते हैं जिनको हमें कभी भी भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इन कार्यों को शुक्रवार के दिन करने से अपशगुन माना जाता है और माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं वे कौन से काम हैं जोकि शुक्रवार के दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
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देवी लक्ष्मी की मूर्ति का विसर्जन
शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को घर बुलाने के लिए बहुत शुभ दिन होता है। इसलिए शुक्रवार के दिन माता की प्रतिमा और तस्वीर आदि का विसर्जन नहीं करना चाहिए। क्योंकि हिन्दू धर्म में मूर्ति के विसर्जन को देवी की विदाई के तौर पर माना जाता है। कुछ लोग पुरानी या फिर खंडित हो चुकी प्रतिमाओं को नदी-तालाब आदि में प्रवाहित करते हैं और उसके स्थान पर नई प्रतिमा रखते हैं। अत: पुरानी प्रतिमा को भूलकर भी शुक्रवार के दिन आप विसर्जित न करें। आप शुक्रवार के दिन नई प्रतिमा को स्थापित कर सकते हैं, लेकिन भूलकर भी इस दिन पुरानी प्रतिमा किसी नदी आदि में विसर्जित ना करें।
संध्या के समय दरवाजा बंद
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि, शाम के वक्त यानी गौधूलि बेला में मुख्य द्वार को कुछ वक्त के लिए खुला रखना चाहिए। क्योंकि शाम के वक्त माता लक्ष्मी भ्रमण के लिए निकलती हैं,, इसलिए संध्याकाल में गौधूलि बेला के वक्त घर संध्या वंदन करते समय घर का मुख्य द्वार खोल देना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का वास सदैव आपके घर में रहता है। वहीं अगर गौधूलि बेला के समय आप अपने घर का मुख्य द्वार बंद रखते हैं तो माता लक्ष्मी आपके घर नहीं आती और किसी अन्य के घर में वास कर लेती हैं।
उधार और कर्ज लेन-देन
शुक्रवार को भूलकर भी किसी से किसी भी प्रकार का उधार लेनदेन ना करें। शुक्रवार के दिन ऐसा करने से आपके घर की बरकत में कमी आ सकती है। यदि फिर भी कोई व्यक्ति शुक्रवार के दिन आपसे धन की मदद मांगता है तो उसकी मदद जरूर करें, लेकिन यह आर्थिक मदद के रूप में ही दें न कि उधार के रूप में। इस दिन उधार देने से आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ सकती है।
कन्या और महिलाओं का निरादर
शुकवार के दिन कुछ लोग वैभव लक्ष्मी का व्रत करते हैं और इस दिन कन्याओं को भोज करवाते हैं। भूलकर भी शुक्रवार के दिन किसी भी प्रकार से कन्याओं का निरादर नहीं करना चाहिए, उन्हें किसी भी प्रकार से अपशब्द नहीं कहना चाहिए। बल्कि शुक्रवार के दिन कन्याओं को आदर के साथ उनकी पसंद का भोजन करवाना चाहिए। इसके अलावा शुक्रवार के दिन घर की लक्ष्मी यानी घर की महिलाओं को भी कोई अपशब्द नहीं बोलना चाहिए।
देवी लक्ष्मी की मूर्ति भेंट
शुक्रवार के दिन किसी को भी माता लक्ष्मी की मूर्ति कभी भी गिफट आदि के रुप में भेंट नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की मूर्ति को भेंट करना अच्छा नहीं माना जाता है। शुक्रवार के दिन आप सिर्फ अपने घर के लिए माता लक्ष्मी की मूर्ति ला सकते हैं। शुक्रवार की शाम को माता लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजा करके उन्हें अपने घर में वास करने के लिए आमंत्रित करना चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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