गोमाता की सेवा के साथ करें ये काम, भर जाएंगे धन के भंडार

आर्थिक समस्या से जुझ रहे लोगों को गोमाता की सेवा करना चाहिए। गोमाता में 33 कोटि देवताओं का वास होता है। गोसेवा के साथ किए गए प्रयास जल्दी ही अपना प्रभाव दिखाते हैं। और जो लोग जल्दी ही धनवान बनना चाहते हैं। और अपनी तिजोरियों को भरना चाहते हैं। तथा अपने घर में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य को पाना चाहते हैं। तो उन लोगों को गाय के साथ एक अचूक टोटका जरुर करना चाहिए। इन अचूक टोटकों का परिणाम अति शीघ्र ही व्यक्ति को प्राप्त होने लग जाता है।
गाय की सेवा करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के साथ-साथ 33 कोटक देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद व्यक्ति को प्राप्त होता है। शास्त्रों में गोमाता की सेवा को सबसे बड़ा पुन्य बताया गया है। सभी प्रकार के यज्ञ और सभी तीर्थस्थलों में स्नान करने का जो पुन्य मिलता है। वह पुन्य केवल गोमाता की सेवा करने से व्यक्ति को प्राप्त हो जाता है। किसी व्यक्ति में अगर धनवान बनने की इच्छा है तो उसे गोमाता की सेवा करनी चाहिए।
जो व्यक्ति गोमाता की नित्यप्रति सेवा करते हैं। और गोमाता को भोजन कराते हैं। गोमाता उन व्यक्तियों पर आने वाले संकटों को स्वयं हर लेती है। धर्मशास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि गाय को भोजन कराने से समस्त 33 कोटि देवताओं का भोग स्वयं ही लग जाता है। और ये 33 कोटि देवता प्रसन्न होकर उस व्यक्ति की सभी समस्याओं का अंत कर देते हैं। तथा साथ ही साथ उस व्यक्ति को धनवान बनाते हैं। और उस व्यक्ति की उन्नति के सारे रास्ते स्वयं ही खोल देते हैं।
गोसेवा करते समय 'ओम नमों भगवते वासुदेवाय' और 'ओम महा लक्ष्मी नम:' मंत्र का निरंतर जाप करते रहना चाहिए। इस मंत्र के जाप और गोमाता की सेवा करने से आपको माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का निरंतर आशीर्वाद मिलता रहता है। और उनकी कृपा से जो व्यक्ति यह उपाय करता है वह निश्चित ही धनवान बन जाता है। जीवन के प्रत्येक कष्ट और संकटों से व्यक्ति को छुटकारा मिल जाता है।
व्यक्ति के जो काम बनते-बनते बिगड़ जाते थे। वह गोसेवा और इस मंत्र के निरंतर जाप से यथाशीघ्र बन जाते हैं। सफलता के मार्ग में आ रहीं रूकावटें दूर हो जाती हैं। और माता लक्ष्मी की कृपा से अपार धन की प्राप्ति हो जाएगी।
गोसेवा के साथ इस मंत्र का जाप आप किसी भी दिन कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार सभी दिन भगवान के बनाए हुए हैं। गोसेवा और माता लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु के मंत्र का जाप निरंतर करते रहें।
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