Sankashti Chaturthi 2022: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर आज करें ये खास उपाय, आपके जीवन से सभी बाधाएं हो जाएंगी दूर

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति जी की पूजा करने से सारे पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त और उपायों के बारे में...
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संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2022
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि | साल 2022 में फाल्गुन मास की द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 20 फरवरी, दिन रविवार को रखा जाएगा। |
चतुर्थी तिथि प्रारंभ | 19 फरवरी रात्रि 09:56 बजे से |
चतुर्थी तिथि समाप्त | 20 फरवरी रात्रि 09:05 बजे |
चंद्रोदय का समय | 20 फरवरी रात्रि 09:50 बजे |
संकष्टी चतुर्थी उपाय
- आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करें और सबसे पहले उन्हें गोदुग्ध का भोग लगाएं और उसके बाद गणपति जी के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं।
- गणेश भगवान को पूजा में गेंदा के फूल अर्पित करें। उसके बाद गुड़ का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपके सभी कार्य संपन्न होंगे।
- आज के दिन गणेश जी के मंत्रों का जाप करें और पूजा में लाल फूल, चंदन अवश्य चढ़ाएं। इस दौरान गणेश जी के साथ शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करते हुए ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए पूजन करें। इससे आपके शत्रु शांत रहेंगे और नकारात्मक ऊर्जा भी आपसे दूर रहेगी।
- द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा में उन्हें 11 दूर्वा अर्पित करें। ऐसा करने से आपके घर धन-धान्य के भंडार भरे रहेंगे और आपके जीवन में कभी भी आर्थिक संकट उत्पन्न नहीं होंगे।
- द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को सुपारी अवश्य अर्पित करें। ऐसा करने से आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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