Eid 2021 : साल 2021 में ईद कब है, जानें...

Eid 2021 : साल 2021 में ईद कब है, जानें...
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  • ईद (Eid) का त्योहार मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है ।
  • सभी लोगों को ईद का विशेष इंतजार रहता है।
  • ईद के पर्व को लोग बड़ी धूमधाम और भाई चारे के साथ मनाते है।

Eid 2021 : ईद का त्योहार मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और हर किसी व्यक्ति को ईद का बेसब्री से इन्तजार रहता है। मुस्लिम समाज में 30 दिनों यानि एक महीने तक लगातार रोजे रखने के बाद लोग ईद का पर्व मनाते हैं। इस पर्व को लोग बड़ी धूमधाम और भाई चारे के साथ मनाते है। ईद का त्यौहार भाईचारे, अमन व शांति का त्यौहार माना जाता है। क्योंकि ईद के दिन सभी लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं और इस समुदाय के लोग अपने परिचितों और अन्य समुदाय के अपने मित्रों आदि को अपने घर बुलाते हैं तथा ईद की मुबारकबाद देने के साथ-साथ आपस में साथ में मिलकर सिवैयां और खीर खाते हैं। वहीं साथ ही साथ घर के बड़े लोग अपने से छोटों और बच्चो को ईदी देते हैं। वहीं हर साल ईद का त्यौहार रमजान के पाक महीने के मुकम्मल होने के बाद आता है। मुस्लिम समुदाय के लोग 30 दिन तक रोजे रखते हैं, वक्त पर नमाज अदा करते हैं, तरावीह पढ़ते हैं और कुरआन की तिलावत करते हैं। इसके साथ ही जब रमजान के 30 रोजे पूरे होते हैं तो उसके अगले ही दिन ईद मनायी जाती है। इस साल ईद 14 मई 2021 (14 May 2021) को होगी। अगर चांद एक दिन पहले दिखाई देता है तो इस बार रोजे 29 दिन होंगे और फिर 13 मई 2021 (13 May 2021) को ईद का त्यौहार मनाया जाएगा।

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कई बार ऐसा भी होता है कि ईद का चांद 29 वें रोजे के दिन भी दिखायी दे जाता है। जब चांद 29 वें रोजे को दिखायी देता है तो रोजे 29 ही होते हैं और अगले दिन ईद मनायी जाती है और अगर चांद 30 वें रोजे को दिखायी देता है तो रोजे पूरे 30 दिन होते हैं और अगले दिन ईद का पर्व मनाया जाता है।

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ईद मनाने का कारण

मुस्लिम समुदाय के लोग 30 दिनों तक रोजे रखकर अल्लाह पाक की इबादत करते हैं। तथा रमजान के इस पाक महीने में मुस्लिम लोग सहरी में जल्दी उठते हैं, रोज़ा रखते हैं, कुरआन, नमाज़, तरावीह पढ़ते हैं और दिन-रात अल्लाह पाक की इबादत करते है तो इसके बदले अल्लाह पाक उनको एक खुशी का दिन देते हैं। जिसमें वो ना तो सहरी कर सकते हैं और ना ही रोजा रख सकते हैं। इस दिन वह पूरी तरह से खुशियां मनाते हैं, ईद की नमाज अदा करके दुनियां में अमन व शांति के लिए दुआ मांगते हैं, एक-दूसरे से गले मिलकर भाई चारे का संदेश देते हैं और इसी दिन को ही ईद कहते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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