Eid-ul-Fitr 2023: पैगंबर मुहम्मद की जीत का जश्न है ईद का पर्व, ऐसे हुई थी शुरुआत और जानें महत्व

Eid-ul-Fitr 2023: पैगंबर मुहम्मद की जीत का जश्न है ईद का पर्व, ऐसे हुई थी शुरुआत और जानें महत्व
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मुस्लिम धर्म में रमजान के महीने का खासा महत्व बताया गया है। इस्लामिक साल का 10वां महीना सव्वाल की एक तारीख यानी पहली तारीख को ईद मनाई जाती है।

मुस्लिम धर्म में रमजान के महीने का खासा महत्व बताया गया है। इस्लामिक साल का 10वां महीना सव्वाल की एक तारीख यानी पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। रमजान का महीना ऐसा मुकद्दस महीना होता है, जब जन्नत के दरवाजों को खोल दिया जाता है। इस महीने में मुसलमान एक महीने तक रोजा रखते हैं। अल्लाह की इबादत करते हैं। यह पर्व 30 दिनों तक चलता है। जो हर साल चांद के दीदार के साथ शुरू होता है।

ऐसा कहा जाता है कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के 10वें शव्वाल की पहली तारीख को ईद का पर्व मनाया जाता है। यहां हम बात कर रहे हैं कि आखिर ईद की शुरुआत कैसा हुई थी। पवित्र कुरान के अनुसार, रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखने के बाद अल्लाह अपने बंदों को ब्लेसिंग देते हैं।

कुरान के अनुसार, 624 ईस्वी में जंग-ए-बद्र की लड़ाई के बाद पैगंबर मुहम्मद द्वारा पहली ईद-उल-फितर मनाई गई थी। बद्र की जंग में पैगंबर हजरत मोहम्मद की जीत हुई थी। उनकी जीत की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है। ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की नमाज अदा करने से पहले दान या जकात देना हर मुसलमान का फर्ज है। मीठी ईद के ठीक ढाई महीने बाद बकरीद आती है। ईद-उल-अजहा को बकरीद कहा जाता है। ईद-उल-अजहा को ईद-ए-कुर्बानी भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन नियमों का पालन करते हुए कुर्बानी दी जाती है। इस त्योहार की शुरुआत हजरत इब्राहिम ने की थी।

ईद अल-फितर का महत्व

ईद अल-फितर इस्लामी कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस पवित्र महीने में मुसलमान न केवल 29 या 30 दिनों दिनों तक रोजा रखते हैं बल्कि रोजा रखने के बाद अंत में जश्न भी मनाते हैं, जिसे ईद कहा जाता है, ये त्योहार भाई चारे का त्योहार है। खुदा के बंदे कुरान के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं, जो पहली बार रमजान के अंत में प्रकट हुआ था। इसके अतिरिक्त, वे अल्लाह को रमजान के पूरे महीने में आत्म-संयम का अभ्यास करने की शक्ति के लिए शुक्रिया अदा करते हैं। साथ ही अपने पापों के लिए क्षमा मांगते हैं।

डिस्क्लेमर: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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