Hindu Marriage: सनातन धर्म में होते हैं कुल 8 प्रकार के विवाह, आप भी जानिए ...

Hindu Marriage: सनातन धर्म में होते हैं कुल 8 प्रकार के विवाह, आप भी जानिए ...
X
हिन्दू धर्म में विवाह से जुड़े कई रीति-रिवाजों में बदलते समय के साथ-साथ कई बदलाव भी हुए हैं। अगर बात करें पहले के समय की तो कुल 8 प्रकार के विवाह प्रचलित है, जिनके अपने रीति-रिवाज और तौर-तरीके थे। अगर आप भी उन 8 प्रकार के विवाह के बारे में नहीं जानते हैं तो आइए आपको उसके बारे में विस्तार से बताते हैं...

सनातन धर्म (Sanantan Dharm) में विवाह (Marriage) को सोलह संस्कारों में से एक संस्कार माना गया है। शादी के बाद व्यक्ति गृहस्थाश्रम में प्रवेश करता है। हिन्दू धर्म में विवाह से जुड़े कई रीति-रिवाजों में बदलते समय के साथ-साथ कई बदलाव भी हुए हैं। अगर बात करें पहले के समय की तो कुल 8 प्रकार के विवाह प्रचलित है, जिनके अपने रीति-रिवाज और तौर-तरीके थे। अगर आप भी उन 8 प्रकार के विवाह के बारे में नहीं जानते हैं तो आइए आपको उसके बारे में विस्तार से बताते हैं...

देव विवाह (Dev Vivah)

धर्म के अनुसार देव विवाह में पिता द्वारा अपनी बेटी को खास तरह का देवयज्ञ करने वाले पुरोहित को दे दिया जाता था। इस तरह से पिता अपनी बेटी को दक्षिणा के तौर पर दे देते थे। इस विवाह को देवयज्ञ के मौके पर किया जाता था, इसलिए ये देव विवाह के नाम से जाना जाता है।

ब्रह्म विवाह (brahma Vivah)

आठों विवाहों में ब्रह्म विवाह सहसे ज्यादा प्रसिद्ध और श्रेष्ठ माना जाता है। इस तरह का विवाह आज तक होता है। इस दौरान समान वर्ग के वर और कन्या का विवाह दोनों पक्षों की सहमति के बाद किया जाता है। इस विवाह में पिता द्वारा अपनी मर्जी से दक्षिणा और उपहार देते है और वर के साथ अपनी कन्या को विदा कर देते हैं।

प्राजापत्य विवाह (prajapaty vivaah)

प्राजापत्य विवाह में पिता द्वारा बिना अपनी बेटी की सहमति के किसी योग्यवान वर से विवाह करवाया जाता है। इसका उद्देश्य दोनों के प्रजा को उत्पन्न करने का होता है। इसमें विवाह को धार्मिक कर्त्तव्यों के साथ वर और कन्या पालन करते हैं।

आर्ष विवाह (Aarsha Vivah)

आर्ष विवाह में कन्या के पिता को वर पक्ष 1 गाय और बैल के जोड़े को देकर विवाह करते हैं। हालांकि, इस तरह के आदान-प्रदान का उद्देश्य सिर्फ यज्ञकार्य के लिए होता है।

आसुर विवाह (Asura Vivah)

आसुर विवाह में शक्ति के बल या धन से कन्या के पक्ष को खरीदकर पुरुष शादी करता है। इस तरह के विवाह को सौदे की भी शादी मानी जाती है, जिसमें धन या अन्य मुल्यवान चीजों को देकर शादी की जाती थी।

गंधर्व विवाह (Gandharva Vivah)

गंधर्व विवाह में बिना माता-पिता की सहमति के वर और वधु शादी कर लेते हैं। इसमें स्त्री और पुरुष कामुकता के प्रभाव में एक दूसरे के साथ सहवास करते हैं।

पैशाच विवाह (Paisach Vivah)

पैशाच विवाह में कन्या को बेहोश करके या मानसिक दुर्बलता से उसका फायदा उठाकर शादी करना। इसके अलावा बिना उसकी मर्जी के शारीरिक संबंध बनाकर शादी करना पैशाच विवाह होता है।

राक्षस विवाह (Rakshas vihah)

कन्या और उसके परिजनों की मर्जी के बिना शक्ति के बल से शादी करना राक्षस विवाह होता है। इसमें कन्या का अपहरण करके शादी करना भी शामिल है।

Tags

Next Story