Falgun Amavasya 2022: फाल्गुन अमावस्या आज, कर लें संकट निवारण के लिए ये एक काम

Falgun Amavasya 2022: फाल्गुन अमावस्या आज, कर लें संकट निवारण के लिए ये एक काम
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Falgun Amavasya 2022: अमावस्या तिथि के दिन स्नान-दान और पुण्य का बहुत महत्व होता है। वहीं फाल्गुन अमावस्या के दिन संकट और परेशानियों से छुटकारा पाने के उपाय किए जाते हैं। जब घर में दिक्कत और परेशानी आ रही हो, क्लेश बढ़ रहे हो, अथवा आर्थिक संकट ने आपके परिवार में डेरा जमा लिया हो तो आप अमावस्या के दिन ज्योतिषीय उपाय करके उन सभी संकट और परेशानियों से निजात पा सकते हैं, जिन्होंने आप और आपके परिवार को संकट में डाल रखा है।

Falgun Amavasya 2022: अमावस्या तिथि के दिन स्नान-दान और पुण्य का बहुत महत्व होता है। वहीं फाल्गुन अमावस्या के दिन संकट और परेशानियों से छुटकारा पाने के उपाय किए जाते हैं। जब घर में दिक्कत और परेशानी आ रही हो, क्लेश बढ़ रहे हो, अथवा आर्थिक संकट ने आपके परिवार में डेरा जमा लिया हो तो आप अमावस्या के दिन ज्योतिषीय उपाय करके उन सभी संकट और परेशानियों से निजात पा सकते हैं, जिन्होंने आप और आपके परिवार को संकट में डाल रखा है। क्योंकि पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि को देव और पितृों को प्रसन्न करने का दिन माना जाता है। इस दिन किए गए शुभ कार्य मनुष्य के जीवन में शुभता प्रदान करते हैं और संकटों को दूर करते हैं। तो आइए जानते हैं जीवन में चल रही परेशानियों और संकटों व आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए अमावस्या तिथि के दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में...

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फाल्गुन अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022

फाल्गुन अमावस्या तिथि

02 मार्च 2022, दिन बुधवार को पूरे दिन अमावस्या तिथि रहेगी।

अमावस्या तिथि प्रारंभ

02 मार्च, 01:03 AM

अमावस्या तिथि समापन

02 मार्च 11:04 PM

फाल्गुन अमावस्या योग

फाल्गुन अमावस्या तिथि के दिन दो शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में किए गए उपाय शीघ्र फलदायी और अचूक होते हैं। अमावस्या तिथि के दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है जोकि सुबह 08:21 बजे तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग प्रारंभ हो जाएगा। सिद्ध योग 03 मार्च प्रात:काल 05:43 बजे तक रहेगा। ये दोनों ही योग अमावस्या तिथि के दिन को और भी अधिक चमत्कारी और प्रभावी बना रहे हैं।

समस्याओं से छुटकारा पाने के उपाय

  1. अमावस्या के दिन प्रात:काल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर किसी पवित्र नदी, जलाश्य अथवा कुंड में स्नान करें। इसके बाद पितृों का तर्पण करें।
  2. अमावस्या के दिन व्रत-उपवास और जरुरतमंदों को यथासंभव दान करें।
  3. अमावस्या के दिन पितरों को ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ की जड़ में दीया जलाएं।
  4. अमावस्या के दिन शनिमंदिर में तेल का दीया जलाएं और शनि की चीजों का दान करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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