Falgun Month 2022: प्रकृति में बदलाव लाता है फाल्गुन, जानें इसका धार्मिक महत्व

Falgun Month 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह हिन्दू वर्ष का अंतिम महीना होता है और इसके माह के बाद चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष प्रारंभ हो जाएगा। वहीं हिन्दू पंचांग की मानें तो फाल्गुन मास को शिव और भगवान विष्णु का मास कहा जाता है और इस पवित्र मास में कई प्रकार से मौसम में भी बदलाव देखने को मिलते हैं। वहीं फाल्गुन मास को तीज-त्योहारों वाला मास भी कहा जाता है।
फाल्गुन मास का प्रारंभ फाल्गुनी नक्षत्र में होने के कारण ही इस मास का नाम फाल्गुन मास पड़ा था। फाल्गुन मास में सर्दी कम होने लगती है और दिन गर्म होने लगते हैं और फसलों में बालियां आने लगती हैं। वहीं फाल्गुन मास में होली और महाशिवरात्रि समेत कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार भी आने के इस मास का धार्मिक महत्व भी बहुत ही अधिक होता है। वहीं साल 2022 में फाल्गुन माह की शुरुआत 17 फरवरी से हो चुकी है और 18 मार्च 2022 तक यह मास रहेगा।
फाल्गुन के प्रमुख तीज-त्योहार
विजया एकादशी | 26 फरवरी 2022 |
महा शिवरात्रि | 01 मार्च 2022 |
फाल्गुन अमावस्या | 02 मार्च 2022 |
फुलेरा दूज | 04 मार्च 2022 |
आमलकी एकादशी | 14 मार्च 2022 |
होलिका दहन | 17 मार्च 2022 |
होली | 18 मार्च 2022 |
वहीं हिन्दू धर्मशास्त्रों की मानें तो जिसे माघ मास में दान का बहुत अधिक महत्व होता है, वैसे ही फाल्गुन के महीने में गरीब, ब्राह्मण और जरुरतमंदों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए। फाल्गुन मास में शुद्ध घी, तिल, सरसों का तेल, मौसमी फल आदि का दान अत्यंत ही पुण्य फल प्रदान करने वाला माना गया है।
वहीं फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि, फुलेरा दूज और विजया और आमलकी एकादशी जैसे महत्वपूर्ण पर्व पड़ने के कारण यह पूरा मास ही शिवमय और भगवान विष्णु की पूजा-आराधना का मास माना जाता है। प्रकृति में बदलाव का यह मास बहुत ही पवित्र माह होता है।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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