Rudraksha: छात्रों के लिए रामबाण साबित होगा ये रुद्राक्ष, पढ़ाई में एकाग्रता लाने में होगा 100 फीसद कामगार

Rudraksha: रुद्राक्ष के बारे में कौन नहीं जानता है। शास्त्रों में रुद्राक्ष को आध्यात्मिक और दैवीय शक्तियों से परिपूर्ण माना गया है। यहां तक तो विज्ञान भी मान चुका है कि रुद्राक्ष में औषधीय गुण पाए जाते हैं। मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति महादेव शिव के आंसुओं से हुई थी। ऐसे तो रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, लेकिन आज इस खबर में ऐसे रुद्राक्ष के बारे में बताने वाले हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के लिए मददगार साबित हो सकता है।
जानें कौन सा है वो रुद्राक्ष
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, अगर कोई भी छात्र गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो उनको इस रुद्राक्ष से कोई लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि ऐसा माना गया है कि गौरी रुद्राक्ष वैवाहिक जीवन और शादी विवाह में आने वाली सारी परेशानियों को दूर करता है। छात्रों के लिए सबसे उत्तम रुद्राक्ष चार मुखी रुद्राक्ष माना गया है। इस रुद्राक्ष को पहनने से अधिपति देव ब्रह्मा और देवी सरस्वती देवी अति प्रसन्न होती है। ऐसा माना गया है कि चार मुखी रुद्राक्ष के देव ब्रह्मा और देवी सरस्वती है। ब्रह्मा जी को रचनात्मकता का कारक भी माना है तो वहीं दूसरी ओर मां सरस्वती को ज्ञान की देवी मानी जाती है। चार मुख रुद्राक्ष विद्यार्थियों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिन छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो वह चार मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। उनके लिए यह रुद्राक्ष औषधि की तरह काम करता है। इसके साथ ही पढ़ाई-लिखाई में एकाग्रता भी लाता है। इस रुद्राक्ष को किसी भी परीक्षा में सफलता दिलाने वाला भी माना जाता है।
चार मुखी रुद्राक्ष से इन राशियों को मिलता है खूब लाभ
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, चार मुखी रुद्राक्ष मिथुन, वृषभ, तुला, कन्या, कुंभ और मकर राशि के जातक के लिए शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, किसी काम में शोध कर रहे हैं, टेक्नॉलजी और विज्ञान के क्षेत्र में जुड़े हैं, उनके लिए भी चार मुखी रुद्राक्ष काफी लाभदायक माना जाता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। चतुर्मुखी रुद्राक्ष के प्रतिनिधि ग्रह बुध है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में बुद्धि का कारक माना गया है। बिजनेस करने वाले लोगों के लिए भी चतुर्मुखी रुद्राक्ष फायदेमंद होता है।
चार मुखी रुद्राक्ष को कब धारण करें
जो भी व्यक्ति चतुर्मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहते हैं, वे सोमवार के प्रात:काल उठकर स्नानादि कर लें। इसके बाद उत्तर दिशा की ओर मुख करके चतुर्मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल, गाय के दूध से पवित्र करें और इसके बाद तब धारण करें। चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले भगवान शिव का ध्यान अवश्य करें। साथ ही ॐ ह्रीं नमः का मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसे तो आमतौर पर किसी भी रुद्राक्ष को सोने या चांदी में गड़कर रेशम या ऊनी धागे में धारण करने की सलाह दी गई है। ऐसा मान्यताएं कहती हैं कि चतुर्मुखी रुद्राक्ष को ॐ ब्रह्म देवाय नमः मंत्र से अभिमंत्रित करना चाहिए।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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