Ganesh Chaturthi 2020 Sthapana : गणेश चतुर्थी पर इस विधि से करें विघ्नहर्ता की स्थापना,रिद्धि सिद्धि के साथ विराजेंगे शुभ लाभ

Ganesh Chaturthi 2020 Sthapana : गणेश चतुर्थी का त्योहार साल 2020 में 22 अगस्त 2020 (22 August 2020) को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी के दिन भक्त बड़े ही धूमधाम से गणेश जी (Lord Ganesha) को अपने घर लाते हैं और उनकी स्थापना करते हैं। लेकिन यदि आपने गणेश जी की स्थापना विधिवत नही की तो आपके घर में भगवान गणेश नहीं विराजेंगे और न हीं आपको उनका आर्शीवाद प्राप्त होगा तो आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना विधि।
गणेश चतुर्थी स्थापना की संपूर्ण विधि (Ganesh Chaturthi Sthapana Ki Sampoorna Vidhi)
1. गणेश चतुर्थी के दिन साधक को सुबह जल्दी स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करके भगवान गणेश की मिट्टी की नई प्रतिमा लानी चाहिए।
2. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल छिड़क कर उसे साफ करें और उसके बाद उस पर लाल या हरे रंग का वस्त्र बिछाएं। गणेश जी की स्थापना हमेशा उत्तर दिशा में की जाती है। इसलिए आप भी उत्तर दिशा में ही गणेश जी की स्थापना करें।
3.कपड़ा बिछाकर उस पर अक्षत रखें और उन अक्षतों पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और एक लोटे में गंगाजल लेकर गेंदे के फूल से गंगाजल को गणेश जी पर छिड़कें।
4.इसके बाद वस्त्र के रूप में गणेश जी को जनेऊ धारण कराएं। इसके लिए आप मौली का प्रयोग भी कर सकते हैं।
5.जनेऊ धारण करने के बाद गणेश जी के बाईं और अक्षत रखें और उस पर कलश स्थापित करें। लेकिन उससे पहले कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
6.इसके बाद उस कलश में 5 या 7 आम के पत्ते रखें और नारियल पर कलावा बांधकर तिलक लगाकर कलश पर रखें और गणेश जी के बाईं और स्थापित कर दें।
7.कलश स्थापित करने के बाद गणेश जी को पंचमेवा का भोग लगाएं और उन्हें पांच फल अर्पित करें।इसके बाद गणेश जी को दूर्वा घास चढ़ाएं।
8.इसके बाद गणेश जी का मोदक, लौंग और इलायची का भोग लगाएं और गणेश जी को एक पान सुपारी में रखकर अर्पित करें।
9. यह सभी चीजें अर्पित करके उन्हें गेंदे के फूलों की माला चढ़ाएं और उन्हें गुलाब के फूल अर्पित करें और गणेश जी का रोली से तिलक करें।
10.रोली से तिलक करने के बाद उस पर अक्षत भी लगाएं। इसके बाद गणेश जी के दाईं और अक्षत रखें।
11. अक्षत रखने के बाद गणेश जी के आगे अखंड दीपक प्रज्वल्लित करें और इसे गणेश जी के दाईं और रख दें। यह अखंड दीपक गणेश विर्सजन तक जलता रहना चाहिए
12. इसके बाद उनके आगे धूप भी जलाएं।धूप जलाने के बाद गणेश जी की आरती उतारें।
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