गणेश जी के इन स्वरुपों की पूजा से जीवन में होता है चमत्कार, नष्ट हो जाते हैं सभी वास्तु दोष

- हिंदू धर्म में बुधवार (Wednesday) का दिन भगवान गणेश जी (Lord Ganesh ji) का दिन माना जाता है।
- गणेश जी की पूजा-आराधना करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
हिंदू धर्म में बुधवार (Wednesday) का दिन भगवान गणेश जी (Lord Ganesh ji) का दिन माना जाता है। इसलिए बुधवार के दिन गणपति जी को खुश करने के लिए उनकी पूजा की जाती है। बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा-आराधना करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं। भगवान गणेश जी को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है। सभी देवों की पूजा से पहले गणपति जी की पूजा की जाती है। वास्तु में गोश जी की एक, दो, तीन, चार और पांच सिरों वाली प्रतिमा पायी जाती हैं। गणपति जी की प्रतिमा हर प्रकार का वास्तु दोष दूर करने में सहायक होते हैं और व्यक्ति को अनेक प्रकार के रोग, शोक, कलह, विघ्न आदि से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं कि गणेश जी प्रतिमा किस प्रकार से वास्तु दोष को दूर करती हैं।
संतान गणपति
संतान गणपति की प्रतिमा उन लोगों को अपने घर में स्थापित करनी चाहिए जिन लोगों के घर में संतान नहीं हो और उन्हें संतान प्राप्ति की इच्छा हो। वास्तु के अनुसार ऐसे लोग संतान गणपति की प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर स्थापित कराएं तो उन्हें सकारात्मक फल प्राप्त होता है।
विघ्नहर्ता गणपति
प्राचाीन मान्यता है कि विघ्नहर्ता भगवान गणेश की प्रतिमा उस घर में स्थापित करनी चाहिए, जिस घर में कलह, विघ्न, रोग, शोक, अशांति, क्लेश, तनाव, मानसिक संताप जैसे दुर्गुण होते हैं। पति-पत्नी में मनमुटाव, बच्चों में अशांति का दोष पाया जाता है। ऐसे घर में प्रवेश द्वार पर मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
विद्या प्रदायक गणपति
वास्तु के अनुसार बच्चों में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी पैदा करने के लिए गृहस्वामी को विद्या प्रदायक गणपति अपने घर के प्रवेश द्वार पर स्थापित करना चाहिए।
विवाह विनायक
गणपति के इस स्वरूप का आह्वान उन घरों में विधि-विधानपूर्वक होता है, जिन घरों में बच्चों के विवाह जल्द तय नहीं होते।
चिंतानाशक गणपति
जिन घरों में तनाव व चिंता बनी रहती है, ऐसे घरों में चिंतानाशक गणपति की प्रतिमा को 'चिंतामणि चर्वणलालसाय नम:' जैसे मंत्रों का सम्पुट कराकर स्थापित करना चाहिए।
धनदायक गणपति
आजकल सभी घरों में गणपति के इस स्वरूप वाली प्रतिमा को मंत्रों से सम्पुट करके स्थापित किया जाता है ताकि उन घरों में दरिद्रता का लोप हो, सुख-समृद्धि व शांति का वातावरण कायम हो सके।
सिद्धिनायक गणपति
वास्तु के अनुसार कार्य में सफलता व साधनों की पूर्ति के लिए सिद्धिनायक गणपति को घर में लाना चाहिए।
सुपारी गणपति
आध्यात्मिक ज्ञानार्जन हेतु सुपारी गणपति की आराधना करनी चाहिए।
शत्रुहंता गणपति
शत्रुओं का नाश करने के लिए शत्रुहंता गणपति की आराधना करना चाहिए।
आनंददायक गणपति
वास्तु के अनुसार परिवार में आनंद, खुशी, उत्साह व सुख के लिए आनंददायक गणपति की प्रतिमा को शुभ मुहूर्त में घर में स्थापित करना चाहिए।
विजय सिद्धि गणपति
मुकदमे में विजय, शत्रु का नाश करने, पड़ोसी को शांत करने के उद्देश्य से लोग अपने घरों में 'विजय स्थिराय नम:' जैसे मंत्र वाले बाबा गणपति की प्रतिमा के इस स्वरूप को स्थापित करते हैं।
ऋणमोचन गणपति
कोई पुराना ऋण, जिसे चुकता करने की स्थिति में न हो, तो ऋण मोचन गणपति घर में लगाना चाहिए।
रोगनाशक गणपति
जो रोग दवा से ठीक न हो रहा हो, उन घरों में रोगनाशक गणपति की आराधना करनी चाहिए।
नेतृत्व शक्ति विकासक गणपति
वास्तु के अनुसार राजनीतिक परिवारों में उच्च पद प्रतिष्ठा के लिए लोग गणपति के इस स्वरूप की आराधना इन मंत्रों से करते हैं- 'गणध्याक्षाय नम:, गणनायकाय नम: प्रथम पूजिताय नम:'
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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