Ganesh Visarjan 2020 Vidhi : जानिए क्या है गणेश विसर्जन की संपूर्ण विधि , कैसे करें घर से बप्पा को विदा

Ganesh Visarjan 2020 Vidhi : भगवान गणेश का विसर्जन 1 सितंबर 2020 (Ganesh Visarjan 1 September 2020) को किया जाएगा। जिस प्रकार पूरे विधि विधान से भगवान गणेश की स्थापना की जाती है। उसी प्रकार पूरे विधि विधान से उनका विर्सजन भी किया जाता है। क्योंकि यदि आप भगवान गणेश के विसर्जन ( Lord Ganesha Visarjan) में किसी भी प्रकार की कोई गलती करते हैं तो आप भगवान गणेश की कृपा से वंचित रह जाएंगे तो आइए जातने हैं गणेश विसर्जन की पूरी विधि।
गणेश विसर्जन विधि (Ganesh Visarjan Vidhi)
1. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना की जाती है और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदा कर दिया जाता है।
2.आपने गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना का जितने दिनों का संकल्प लिया हो उसी के अनुसार भगवान गणेश का विसर्जन करें।
3.भगवान गणेश का विसर्जन करने से पहले आप भगवान गणेश की उसी प्रकार से पूजा करें जैसे आप गणेश चतुर्थी से लेकर अब तक करते आएं हैं और उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग भी लगाएं।
4.इसके बाद स्वच्छ पाटा लें। उसे गंगाजल या गौमूत्र से पवित्र करें और घर की स्त्री उस स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। उस पर अक्षत रखें।इस पाटे पर एक गुलाबी ,लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
5.वस्त्र बिछाने के बाद उस पाटे पर गुलाब की पंखुड़ियां बिखेरें और उस वस्त्र के चारों कोनो पर सुपारी रखें।
6. इसके बाद भगवान गणेश की जयघोष करें और उन्हें अपने स्थापना वाले स्थान से उठाएं और इस पाटे पर विराजित करें और साथ ही उनके साथ फल, फूल, वस्त्र,दक्षिणा और 5 मोदक रखें।
7.यह सभी चीजें रखने के बाद एक छोटी से लकड़ी लें उस पर चावल, गेहूं और पंचमेवा की पोटली बनाकर बांधे अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा रखें।ऐसा इसलिए करा जाता है जिससे भगवान गणेश को रास्ते में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
8.जहां पर भी आप भगवान गणेश का विसर्जन कर रहे हैं। वहां विसर्जन से पहले कपूर से उनकी आरती करें। भगवान गणेश की खुशी - खुशी विदाई की कामना करें और उनसे उनका आशीर्वाद मांगे।
9. इसके बाद दस दिनों तक पूजा या अन्य किसी प्रकार की जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए भगवान गणेश से क्षमा याचना करें।
10. आपको भगवान गणेश जी का विसर्जन करते समय उनकी प्रतिमा को फेंकना नही चाहिए।बल्कि उन्हें आदर और सम्मान के साथ वस्त्र और सभी सामग्री के साथ धीर- धीरे विसर्जित करना चाहिए।
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